+

Pooja Khedkar:पूजा खेडकर की IAS सेवाएं खत्म, केंद्र सरकार ने इस नियम के तहत की कार्रवाई

Pooja Khedkar: आदेश में कहा गया कि केंद्र सरकार ने आईएएस (परिवीक्षा) नियम, 1954 के नियम 12 के अंतर्गत पूजा मनोरमा दिलीप खेडकर, आईएएस प्रोबेशनर (एमएच:2023)

Pooja Khedkar: हाल ही में, भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) की ट्रेनी अधिकारी पूजा खेडकर की सेवाएं समाप्त कर दी गई हैं। 6 सितंबर 2024 को केंद्र सरकार ने एक आदेश जारी करते हुए पूजा खेडकर को भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) से मुक्त कर दिया। यह निर्णय उनकी विकलांगता और सिविल सेवा परीक्षा में अनियमितताओं के कारण आया है, जिसके चलते उनके आईएएस बनने के हक को रद्द कर दिया गया है।

विवादों में रहीं पूजा खेडकर

पूजा खेडकर ने 2023 में आईएएस परीक्षा पास की थी, लेकिन इससे पहले वह नौ बार इस परीक्षा में असफल हो चुकी थीं। 2023 में परीक्षा में बैठने का उनका अधिकार विवादास्पद था, क्योंकि ओबीसी वर्ग के अभ्यर्थियों के लिए अधिकतम प्रयासों की सीमा नौ है। पूजा खेडकर ने 2012 से 2020 के बीच कई बार परीक्षा दी थी, और इस प्रकार उन्होंने अधिकतम प्रयासों की सीमा पूरी कर ली थी। इस आधार पर, 2023 में परीक्षा देने का उनका दावा अवैध माना गया।

केंद्र सरकार का आदेश

केंद्र सरकार के आदेश में स्पष्ट किया गया है कि पूजा खेडकर को आईएएस (परिवीक्षा) नियम, 1954 के नियम 12 के तहत तत्काल प्रभाव से आईएएस से मुक्त कर दिया गया है। सरकार ने कहा कि एकल सदस्यीय समिति ने 11 जुलाई 2024 को जांच शुरू की और 24 जुलाई 2024 को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की। रिपोर्ट में यह पाया गया कि पूजा खेडकर ने सीएसई-2022 और अन्य पूर्व की परीक्षाओं में अयोग्य हो सकते हैं, और यह पाया गया कि उनकी नियुक्ति नियमों के खिलाफ थी।

जांच और निष्कर्ष

एकल सदस्यीय समिति की जांच में यह स्पष्ट हुआ कि पूजा खेडकर ने 2012 से 2023 के बीच कई बार सिविल सेवा परीक्षा दी थी, जबकि ओबीसी वर्ग के लिए अनुमेय प्रयासों की अधिकतम संख्या नौ थी। इसके आधार पर, पूजा खेडकर ने सीएसई-2022 में उम्मीदवार बनने के लिए अयोग्यता की स्थिति उत्पन्न की। आईएएस (परिवीक्षा) नियम, 1954 के अनुसार, किसी भी परिवीक्षाधीन व्यक्ति को यदि सेवा में भर्ती होने के लिए अयोग्य पाया जाता है, तो उसे सेवामुक्त किया जा सकता है।

सिविल सेवा परीक्षा नियम और अयोग्यता

सिविल सेवा परीक्षा के नियम 2022 के तहत ओबीसी और पीडब्ल्यूबीडी वर्ग के अभ्यर्थियों के लिए अनुमेय प्रयासों की अधिकतम संख्या नौ है। पूजा खेडकर ने इस सीमा को पार कर लिया था, जिससे उनकी आईएएस में नियुक्ति कानूनी दृष्टिकोण से गलत ठहराई गई।

भविष्य की दिशा

इस फैसले के बाद, पूजा खेडकर की भारतीय प्रशासनिक सेवा में भर्ती की प्रक्रिया पर एक बड़ा सवाल खड़ा हो गया है। यह घटना उन उम्मीदवारों के लिए एक महत्वपूर्ण संदेश है जो परीक्षा में अनियमितताओं का सामना कर रहे हैं और नियमों की अनदेखी करते हैं। इसके साथ ही, यह भी एक संकेत है कि प्रशासनिक सेवाओं में शुचिता और नियमों का पालन कितनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

31 जुलाई को यूपीएससी ने रद्द कर दी थी उम्मीदवारी

संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) ने 31 जुलाई को उनकी उम्मीदवारी रद्द कर दी थी. इसके साथ-साथ भविष्य की परीक्षाओं में शामिल होने के लिए उन पर रोक लगा दी थी. खेडकर ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों से इनकार करती रही हैं.

दिल्ली की एक अदालत ने 1 अगस्त को खेडकर को अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया था. कोर्ट ने कहा कि उनके खिलाफ गंभीर आरोप हैं, जिसकी गहन जांच की आवश्यकता है. इसके बाद खेडकर ने निचली अदालत के फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती दी है. हाई कोर्ट ने पहले 5 सितंबर और फिर 26 सितंबर तक खेडकर की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है.

कौन हैं पूजा खेडकर?

पूजा खेडकर 2023 बैज की पूर्व आईएएस अधिकारी हैं. सिविल सर्विस एग्जाम 2022 में पूजा खेडकर ने ऑल इंडिया रैंक 841 हासिल किया था. यूपीएससी परीक्षा पास करने के बाद पूजा खेडकर ट्रेनिंग के बीच पुणे की असिस्टेंट कलेक्टर बनी. कार्यभार संभालते ही वो तब चर्चा आ गई जब उन्होंने अलग से चेंबर, लग्जरी कार और घर की डिमांड कर दी थी. इसके अलावा निजी कार पर लाल-नीली बत्ती और महाराष्ट्र सरकार का स्टीकर लगाकर घूमने पर विवाद बढ़ा. मामले की शिकायत मुख्य सचिव से हुई. बाद में उनका खेडकर का वाशिम ट्रांसफर कर दिया गया.

facebook twitter