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Economy of India:इकोनॉमी में ऐसे डाली जा रही जान, 1,000 साल का बताया पीएम मोदी ने प्लान

Economy of India: गुजरात के गांधीनगर में री-इनवेस्ट 2024 का चौथा एडिशन सोमवार से शुरू हो चुका है. यह सम्मेलन पहली बार दिल्ली से बाहर हो रहा है. जिसका समापन 18

Economy of India: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीसरे कार्यकाल का पहला 100 दिन समाप्त हो चुका है, और भाजपा के सांसद इस अवधि में हुई उपलब्धियों का ढोल बजाते हुए नजर आ रहे हैं। हाल ही में गांधीनगर में आयोजित ‘वैश्विक नवीकरणीय ऊर्जा निवेशक बैठक एवं प्रदर्शनी’ (री-इनवेस्ट 2024) के चौथे संस्करण में, मोदी ने इस 100 दिन की अवधि की उपलब्धियों के साथ-साथ अगले 1000 साल के विकास के रोडमैप पर भी प्रकाश डाला।

100 दिनों में फोकस के क्षेत्र

प्रधानमंत्री मोदी ने री-इनवेस्ट 2024 के मंच से देशवासियों और दुनिया को बताया कि उनके सरकार के तीसरे कार्यकाल के पहले 100 दिनों में हर क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित किया गया है। उनका कहना था कि इन 100 दिनों में भारत ने न केवल तीव्र प्रगति की है बल्कि देश की विविधता, क्षमता और संभावनाओं को पूरी दुनिया के सामने रखा है। मोदी ने कहा, "भारत 21वीं सदी के लिए सबसे अच्छी जगह है और हमने इस दिशा में तेजी से कदम बढ़ाए हैं।"

अगले 1,000 साल के लिए विकास की नींव

प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि भारत केवल वर्तमान में ही नहीं, बल्कि अगले 1000 वर्षों के लिए विकास की नींव तैयार कर रहा है। उन्होंने भविष्य के हरित और शून्य उत्सर्जन वाले भविष्य पर बल दिया और कहा कि यह केवल दिखावे के शब्द नहीं हैं, बल्कि देश की आवश्यकता हैं। सरकार ने अयोध्या और 16 अन्य शहरों को मॉडल 'सोलर सिटी' के रूप में विकसित करने का लक्ष्य रखा है। उन्होंने यह भी कहा कि 140 करोड़ भारतीयों ने देश को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने का संकल्प लिया है।

ग्रीन एनर्जी पर 12,000 करोड़ का निवेश

मोदी ने बताया कि उनके सरकार ने ग्रीन और नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं। सरकार 31,000 मेगावाट हाइड्रोपावर जनरेशन पर काम कर रही है, जिसके लिए 12,000 करोड़ रुपए का आवंटन किया गया है। इस निवेश का उद्देश्य देश में रिन्यूएबल एनर्जी की बढ़ती मांग को पूरा करना और इसे वैश्विक स्तर पर निर्यात करना है।

ऊर्जा मंत्री का निवेशकों को आमंत्रण

केंद्रीय नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री प्रहलाद जोशी ने निवेशकों से भारत में निवेश करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि बैंकों और वित्तीय संस्थानों ने हरित परियोजनाओं के लिए 32.45 लाख करोड़ रुपए के वित्तपोषण की प्रतिबद्धता जताई है। जोशी ने 2030 तक 500 गीगावाट के लक्ष्य को हासिल करने के लिए राज्य सरकारों, डेवलपर्स और वित्तीय संस्थानों से प्राप्त प्रतिबद्धताओं का उल्लेख किया। उन्होंने सौर मॉड्यूल, सौर सेल, पवन टर्बाइन और इलेक्ट्रोलाइजर के क्षेत्र में अतिरिक्त विनिर्माण क्षमता की भी जानकारी दी।

कार्यक्रम का आयोजन और भविष्य की योजनाएं

री-इनवेस्ट 2024 का आयोजन सोमवार से गुजरात के गांधीनगर में शुरू हुआ है और यह 18 सितंबर तक चलेगा। यह कार्यक्रम दिल्ली से बाहर आयोजित हो रहा है, जो अब तक के तीन आयोजनों से अलग है। इस कार्यक्रम की मेज़बानी मंत्रालय के नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा द्वारा की जा रही है। समापन के दिन देश के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ भी उपस्थित रहेंगे। इस कार्यक्रम में सरकार, इंडस्ट्री, और फाइनेंशियल सेक्टर के 10,000 से ज्यादा लोगों के शामिल होने की उम्मीद है।

निष्कर्ष

मोदी 3.0 के पहले 100 दिन की उपलब्धियों और भविष्य के 1000 साल की योजनाओं ने स्पष्ट कर दिया है कि मोदी सरकार का दृष्टिकोण दीर्घकालिक विकास और ग्रीन एनर्जी की दिशा में है। अगले वर्षों में, भारत का यह रोडमैप निश्चित रूप से देश की वैश्विक स्थिति को और मजबूत करेगा और सतत विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।

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