India-UAE Relation: भारत और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के बीच संबंध पिछले कुछ वर्षों में नई ऊंचाइयों पर पहुंच चुके हैं, जिनमें फिनटेक, नवीकरणीय ऊर्जा, बुनियादी ढांचे और रक्षा जैसे क्षेत्रों में व्यापक सहयोग शामिल है। गुरुवार को भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इस ओर विशेष रूप से ध्यान आकर्षित किया और कहा कि 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ऐतिहासिक यूएई यात्रा ने दोनों देशों के बीच सहयोग के नए युग की शुरुआत की थी।
भारत-UAE संबंध: नए युग में प्रवेश
एस जयशंकर ने पुणे में सिम्बायोसिस इंटरनेशनल (मानद विश्वविद्यालय) के एक नए परिसर के उद्घाटन के अवसर पर अपने संबोधन में कहा कि भारत-यूएई संबंध अब सही मायनों में नए युग में प्रवेश कर चुके हैं। उन्होंने कहा, “2015 में पीएम मोदी की यूएई यात्रा ने दोनों देशों के बीच गहरे रिश्ते की नींव रखी, जिससे हमारे द्विपक्षीय संबंधों में अभूतपूर्व सुधार और विकास हुआ है।” जयशंकर ने यह भी कहा कि दुबई में सिम्बायोसिस परिसर का उद्घाटन भारत और UAE के बीच शैक्षिक और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
शिक्षा और कौशल विकास में UAE का सहयोग
जयशंकर ने कहा कि UAE के साथ शिक्षा और कौशल विकास में सहयोग भारत के युवाओं को वैश्विक कार्यक्षेत्र के लिए तैयार करने में सहायक होगा। उन्होंने कहा कि उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा से भारत अपने नागरिकों को वैश्विक मानकों के अनुरूप तैयार कर सकता है, जिससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हमारी संभावनाएं और बढ़ेंगी। दुबई में सिम्बायोसिस परिसर का उद्घाटन इसी दिशा में एक कदम है, जो भारतीय छात्रों को वैश्विक शिक्षा का अनुभव प्रदान करेगा और दोनों देशों के बीच शैक्षिक साझेदारी को और मजबूती देगा।
आर्थिक और प्रौद्योगिकी क्षेत्रों में बढ़ता सहयोग
जयशंकर ने बताया कि भारत को आज के वैश्विक परिदृश्य के अनुरूप नई तकनीकों में कुशल बनने की जरूरत है, जैसे कि इलेक्ट्रिक मोबिलिटी, स्वच्छ ऊर्जा, हरित प्रौद्योगिकी, अंतरिक्ष अनुसंधान और टिकाऊ विकास। भारत के लिए यह आवश्यक है कि वह नवीकरणीय ऊर्जा और पर्यावरण-अनुकूल तकनीकों को अपनाकर बाजार के अनुकूल प्रबंधन करे, जिससे दोनों देशों की साझेदारी को लाभ हो।
फिनटेक और रक्षा में साझेदारी का विस्तार
भारत और UAE के बीच फिनटेक में सहयोग के जरिए वित्तीय प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में महत्वपूर्ण प्रगति हुई है, जो कि भारतीय बाजार की डिजिटलाइजेशन और वित्तीय समावेशन के प्रयासों को मजबूत करता है। इसके अलावा, दोनों देशों के बीच रक्षा क्षेत्र में सहयोग ने भी एक नई दिशा पकड़ी है, जिससे सुरक्षा और सामरिक साझेदारी में मजबूती आई है।
भारत-UAE: व्यापक आर्थिक साझेदारी
भारत-UAE संबंधों का यह विस्तार दोनों देशों की व्यापक आर्थिक साझेदारी का प्रतीक है। जयशंकर ने कहा कि UAE भारत का एक महत्वपूर्ण आर्थिक भागीदार है, जो भारत के ऊर्जा, निवेश और व्यापारिक संबंधों में बड़ी भूमिका निभाता है। इसके साथ ही, भारत में नई पहलें जैसे आत्मनिर्भर भारत अभियान भी UAE के साथ साझेदारी में महत्वपूर्ण योगदान दे सकती हैं, जो भारत की आर्थिक वृद्धि और रोजगार सृजन में सहायक होंगी।
निष्कर्ष
भारत और UAE के बीच सहयोग का यह विस्तार दोनों देशों के लिए नई संभावनाओं का द्वार खोल रहा है। दोनों देशों की साझेदारी में विविधता और गहराई आ रही है, जो आने वाले समय में दोनों देशों की आर्थिक, सामरिक और सांस्कृतिक साझेदारी को और मजबूती देगा।