UP News: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में छात्रों द्वारा उठाई गई मांगों पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संज्ञान लिया है। छात्रों की अपील थी कि उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) की पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा 2024 को एक ही दिन में आयोजित किया जाए। इस पर मुख्यमंत्री ने UPPSC को निर्देशित किया कि छात्रों से संवाद कर इस मुद्दे पर आवश्यक निर्णय लिया जाए। इसके परिणामस्वरूप UPPSC ने पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा को एक ही दिन में कराने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया है।
क्या है फैसला?
सीएमओ ने इस फैसले की जानकारी देते हुए बताया कि उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग अब पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा को एक ही दिन में आयोजित करेगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने छात्रों की चिंताओं को देखते हुए UPPSC को छात्रों से संवाद करने और उनके हित में निर्णय लेने का निर्देश दिया था। इसके अलावा, आयोग ने RO/ARO (प्री.) परीक्षा 2023 के संबंध में एक समिति गठित की है, जो परीक्षा के सभी पहलुओं पर विचार करेगी और जल्द ही अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी।
पुराने पैटर्न पर होगी परीक्षा
मुख्यमंत्री के निर्देश पर आयोग ने निर्णय लिया है कि पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा पुराने पैटर्न पर एक ही दिन में आयोजित की जाएगी। RO/ARO परीक्षा के लिए भी छात्रों की चिंताओं को देखते हुए एक समिति का गठन किया गया है, जो जल्द ही इस पर अपना फैसला देगी।
परीक्षा की तिथि और शिफ्ट्स
UPPSC के अनुसार, पीसीएस परीक्षा में दो चरण होते हैं: प्रारंभिक (प्रीलिम्स) और मुख्य (मेंस)। पहले योजना थी कि पीसीएस की प्रारंभिक परीक्षा दो दिन, 7 और 8 दिसंबर, में चार शिफ्ट्स में कराई जाएगी। लेकिन अब इस नए निर्णय के अनुसार यह परीक्षा एक ही दिन में दो शिफ्ट्स में होगी। वहीं, RO/ARO परीक्षा 22 और 23 दिसंबर को होनी थी, जिसे लेकर अब एक समिति बना दी गई है जो जल्द ही निर्णय लेकर अपनी रिपोर्ट देगी।
छात्रों का विरोध: क्या थी समस्याएं?
कई दिनों से UPPSC की परीक्षा को लेकर छात्रों में असंतोष था। उनका मानना था कि अलग-अलग शिफ्ट्स में परीक्षा कराने से परीक्षा के पेपर का स्तर बदल सकता है। किसी शिफ्ट में पेपर मुश्किल हो सकता है और किसी में आसान, जिससे अभ्यर्थियों को नुकसान उठाना पड़ सकता है।
नॉर्मलाइजेशन का भी विरोध
छात्र नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया का भी विरोध कर रहे थे। उनके अनुसार, नॉर्मलाइजेशन फॉर्मूले के तहत जिस शिफ्ट में अधिक छात्र होंगे, उन्हें ज्यादा अंक मिल सकते हैं, जबकि कम छात्रों वाली शिफ्ट में अंकों की संख्या कम हो सकती है। छात्रों का कहना है कि UPPSC और RO/ARO परीक्षा के विज्ञापनों में भी एक ही दिन में परीक्षा की बात थी। छात्रों ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए यह भी कहा कि खेल के नियम खेल शुरू होने के बाद नहीं बदले जा सकते, फिर परीक्षा के नियम कैसे बदले जा सकते हैं।
निष्कर्ष
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा छात्रों की मांगों पर विचार करना और UPPSC का परीक्षा के प्रारूप में बदलाव करना छात्रों के हित में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। इससे न केवल छात्रों का विश्वास बढ़ेगा बल्कि परीक्षा में पारदर्शिता और समानता का भी संचार होगा।