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Gold-Silver News:खरीद पाएंगे बस हॉलमार्क गोल्ड ज्वेलरी, 18 और शहरों के लिए कानून बना

Gold-Silver News: आम आदमी के साथ सोना खरीदते वक्त धोखाधड़ी ना हो, इसके लिए देश में गोल्ड ज्वैलरी की हॉलमार्किंग का कानून बनाया गया है. अब इस लिस्ट में 18 और शहर

Gold-Silver News: सोने की ज्वैलरी बनवाने में आम आदमी अपनी मेहनत की गाढ़ी कमाई लगाता है। ताकि इसमें किसी प्रकार की धोखाधड़ी न हो, इसके लिए सरकार ने सोने की ज्वैलरी पर हॉलमार्किंग और एचयूआईडी (HUID) कोड को अनिवार्य करने का कदम उठाया है। इस व्यवस्था का उद्देश्य ज्वैलरी की शुद्धता की गारंटी देना और ग्राहकों के हितों की रक्षा करना है। हाल ही में, इस हॉलमार्किंग कानून का चौथा चरण शुरू किया गया है, जिसमें 18 और शहरों को शामिल कर, अनिवार्य हॉलमार्किंग का दायरा बढ़ाया गया है।

361 शहरों में लागू हुआ अनिवार्य हॉलमार्किंग कानून

सरकार ने एक नोटिफिकेशन में जानकारी दी कि सोने की ज्वैलरी और कलाकृतियों के लिए अनिवार्य हॉलमार्किंग के चौथे चरण की शुरुआत की जा चुकी है। इस बार लिस्ट में 18 नए शहरों को जोड़ा गया है, जिससे अब कुल 361 शहरों में केवल हॉलमार्क वाली ज्वैलरी की ही खरीद-बिक्री होगी। इस कदम का उद्देश्य ज्वैलरी में शुद्धता और प्रामाणिकता बनाए रखना है, ताकि ग्राहक ठगी का शिकार न बनें।

इन राज्यों में हुआ योजना का विस्तार

इस योजना का चौथा चरण 5 नवंबर से प्रभावी हो चुका है। सरकार के अनुसार, आंध्र प्रदेश, बिहार, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, केरल, ओडिशा, पुडुचेरी, राजस्थान, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के 18 जिलों में हॉलमार्किंग अनिवार्य की गई है। इससे पहले के तीन चरणों में देश के अन्य शहरों में भी इसे लागू किया गया था, जिससे हर राज्य में इसका दायरा बढ़ा है।

ज्वैलर्स और हॉलमार्किंग सेंटर की संख्या में बढ़ोतरी

सरकार के आंकड़ों के अनुसार, हॉलमार्किंग लागू होने के बाद ज्वैलरी बेचने वाले रजिस्टर्ड ज्वैलर्स की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। पहले इस योजना के तहत 34,647 ज्वैलर्स रजिस्टर्ड थे, जबकि अब यह संख्या बढ़कर 1,94,039 हो चुकी है। इसके अलावा, हॉलमार्किंग सेंटर की संख्या भी पहले के 945 से बढ़कर अब 1,622 हो गई है। इसका मतलब है कि ग्राहकों के पास अब हॉलमार्क ज्वैलरी की उपलब्धता बढ़ गई है और गुणवत्ता को सुनिश्चित करने की व्यवस्था में सुधार हुआ है।

एचयूआईडी कोड: ज्वैलरी की शुद्धता की पहचान

सरकार के अनुसार, अब तक देश में 40 करोड़ से अधिक हॉलमार्क गहने बेचे जा चुके हैं, जिन पर एचयूआईडी कोड अंकित है। यह एचयूआईडी (HUID) कोड एक अल्फा-न्यूमेरिक कोड होता है जो गहने की शुद्धता, ज्वैलर और परखने वाले सेंटर की जानकारी प्रदान करता है। ग्राहक इस कोड की मदद से अपने गहने की प्रामाणिकता कहीं भी जांच सकते हैं। एचयूआईडी कोड गहने की गुणवत्ता की गारंटी देता है और ग्राहकों को उनके निवेश पर सुरक्षा प्रदान करता है।

बीआईएस केयर ऐप से जांचें गहनों की प्रामाणिकता

ग्राहकों को उनके खरीदे गए गहनों की शुद्धता को लेकर कोई संदेह न रहे, इसके लिए भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) ने बीआईएस केयर नामक मोबाइल ऐप की सुविधा भी दी है। ग्राहक इस ऐप की मदद से अपने हॉलमार्क ज्वैलरी की प्रामाणिकता की जांच कर सकते हैं और किसी भी प्रकार की गड़बड़ी या बीआईएस के निशान के दुरुपयोग की शिकायत दर्ज करा सकते हैं।

निष्कर्ष

हॉलमार्किंग कानून के इस विस्तार का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि ग्राहकों को उनके निवेश का पूर्ण मूल्य मिले और धोखाधड़ी की घटनाएं रोकी जा सकें। सरकार का यह कदम सोने की ज्वैलरी उद्योग को पारदर्शी बनाने में मददगार साबित होगा, जिससे ग्राहक बिना किसी डर के अपनी पसंद की ज्वैलरी खरीद सकेंगे।

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