Cyclone Remal:कब टकराएगा बंगाल के तट से चक्रवाती तूफान 'रेमल', जानें कितना खतरनाक है यह

12:27 PM May 25, 2024 | zoomnews.in

Cyclone Remal: चक्रवाती तूफान रेमल पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश के तटों से रविवार को टकराएगा। मौसम विभाग ने इस बाबत चेतावनी भी जारी की है। बता दें कि बंगाल की खाड़ी में मॉनसून सीजन का यह पहला चक्रवाती तूफन है, जिसका नाम रेमल रका गया है। पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश के तटों से टकराने के दौरान हवा की रफ्तार 102 किमी प्रतिघंटा रह सकती है। बता दें कि 6 और 27 मई को पश्चिम बंगाल समेत उत्तरी ओडिशा, मिजोरम, त्रिपुरा और दक्षिणी मणिपुर के जिलों में भारी बारिश की संभावना व्यक्त की गई है। मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक समुद्र की सतह के गर्म तापमान के कारण चक्रवाती तूफान तेजी से आगे की तरफ बढ़ रहा है। 

"रेमल" शब्द का क्या है मतलब

अरबी भाषा से लिए गए शब्द रेमल का मतलब होता है रेत। ब्यूरो ऑफ मेट्रोलॉजी की माने तो, इस तरह के चक्रवात के लिए खास तरह की स्थिति जिम्मेदार होती है। यह चक्रवात केवल तभी बनता है जब समुद्री सतह का तापमान 26.5 डिग्री सेल्सियस से अधिक हो जाता है। गर्म होकर नमी वाली हवाएं इस दौरान ऊपर उठने लगती हैं। हवाएं जैसे-जैसे ऊपर की तरफ उठती हैं। वैसे-वैसे नीचे की तरफ लो प्रेशर जोन बनने  लगता है। इस दौरान आसपास की हवाओं से कम दबाव वाले क्षेत्र पर प्रेशर बढ़ने लगता है और चक्रवात का निर्माण होता है। इस चक्रवात को बनाने में समुद्री सतह की गर्मी का अहम रोल होता है। आसान शब्दों में कहें तो समुद्र के तापमान के सतह का तापमान बढ़ने से इस चक्रवात को और अधिक उर्जा मिलती है। 

चक्रवात रेमल से है कितना खतरा?

इस चक्रवाती तूफान की एक खासियत होती है कि यह जहां से गुजरती है वहां तेज बारिश और हवाएं चलती हैं। यह चक्रवात का असर एक सप्ताह तक रह सकता है। इस चक्रवाती तूफान की ताकत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि यह किसी मजबूत खंभे, बिजली के बड़-बड़े खंभों को भी गिराने की क्षमता रखता है। पेड़ों को जड़ से भी उखाड़ सकता है। इस कारण यातायात प्रभावित होता है और जान-माल की क्षति तक हो सकती है। बता दें कि इस दौरान होने वाली भारी बारिश के कारण जलभराव जैसी स्थिति उत्पन्न हो जाती है।