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Budget 2024:न्यू टैक्स रिजीम होगा और आकर्षक! केंद्रीय बजट में मोदी सरकार दे सकती है ये रियायतें

Budget 2024: बजट 2024 में न्यू टैक्स रिजीम के तहत स्टैंडर्ड डिडक्शन बढ़ाए जाने की उम्मीद है। सरकार न्यू टैक्स रिजीम के तहत स्टैंडर्ड डिडक्शन की सीमा को और अधिक आकर्षक बनाने के लिए इसे बढ़ाने पर विचार कर सकती है।

Budget 2024: बजट की तैयारियां जोरों पर है। वित्त मंत्री बजट लाने से पहले लगातार उद्योग संगठन और विशेषज्ञों के साथ बजट को लेकर चर्चा कर रही हैं। सूत्रों के अनुसार, वित्त मंत्रालय के समक्ष कई प्रस्तावों में से एक वेतनभोगी करदाताओं के लिए कर राहत से संबंधित है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अगले महीने केंद्रीय बजट पेश करेंगी, जो उनका सातवां और मोदी 3.0 सरकार का पहला बजट होगा। उम्मीद है कि सरकार आगामी बजट में मध्यम वर्ग के करदाताओं के लिए कुछ बड़े कर राहत उपाय पेश करेगी। इनमें न्यू टैक्स रिजीम को और आकर्षक बनाने के लिए कई रियायतें का ऐलान हो सकता है। 

स्टैंडर्ड डिडक्शन बढ़ाए जाने की उम्मीद 

बजट 2024 में न्यू टैक्स रिजीम के तहत स्टैंडर्ड डिडक्शन बढ़ाए जाने की उम्मीद है। सरकार न्यू टैक्स रिजीम के तहत स्टैंडर्ड डिडक्शन की सीमा को और अधिक आकर्षक बनाने के लिए इसे बढ़ाने पर विचार कर सकती है। बजट 2023 में 50,000 रुपये की स्टैंडर्ड डिडक्शन और उच्च कर छूट की शुरुआत के बावजूद, अब तक न्यू टैक्स रिजीम को वह प्रतिक्रिया नहीं मिली है जिसकी सरकार को उम्मीद थी।

स्टैंडर्ड डिडक्शन क्या है?

स्टैंडर्ड डिडक्शन, जो वेतन के अंतर्गत आती है, कर्मचारी के कुल वार्षिक इनकम से एक समान कटौती के रूप में मिलती है। वेतनभोगी कर्मचारी की टैक्स देनदारी की गणना करते समय, एक निश्चित राशि- जो वर्तमान में 50,000 रुपये है- स्टैंडर्ड डिडक्शन के रूप में काटी जाती है, जिससे उस व्यक्ति के लिए कर योग्य राशि कम हो जाती है।

टैक्स छूट सीमा बढ़ सकती है

विभिन्न मीडिया रिपोर्ट्स यह भी बताती हैं कि मोदी सरकार मांग को बढ़ावा देने के लिए न्यू टैक्स रिजीम के तहत मूल टैक्स छूट सीमा को मौजूदा 3 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर सकती है। विशेषज्ञों का मानना ​​है कि सरकार के संभावित कदम से करदाताओं के हाथों में अधिक पैसा हाथ में आएगा, जो वे खर्च करेंगे।

क्या होगा असर? 

अगर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण टैक्स छूट सीमा को मौजूदा 3 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये करने का फैसला करती हैं, तो लगभग 7.6 लाख रुपये से 50 लाख रुपये की कर योग्य आय वाले करदाताओं के लिए कर देयता 10,400 रुपये (4% स्वास्थ्य और शिक्षा उपकर सहित) कम हो जाएगी। 

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