Lok Sabha New Speaker: 18वीं लोकसभा का पहला सत्र चल रहा है. सत्र के तीसरे दिन बुधवार को ओम बिरला को सदन का अध्यक्ष चुना गया. इसके बाद लोकसभा के सदस्यों ने ओम बिरला को शुभकामना संदेश दिया. पीएम मोदी के बाद कांग्रेस सांसद और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने लोकसभा अध्यक्ष को बधाई दी. बतौर नेता विपक्ष राहुल गांधी का सदन में ये पहला संबोधन था.
राहुल गांधी ने कहा, आप (ओम बिरला) दूसरी बार स्पीकर चुने गए हैं, मैं आपको बधाई देना चाहता हूं. मैं पूरे विपक्ष और इंडिया गठबंधन की ओर से आपको बधाई देना चाहता हूं. यह सदन आवाज का प्रतिनिधित्व करता है. भारत के लोगों की और आप उस आवाज के अंतिम मध्यस्थ हैं.
राहुल गांधी ने आगे कहा कि सरकार के पास राजनीतिक शक्ति है लेकिन विपक्ष भी भारत के लोगों की आवाज का प्रतिनिधित्व करता है और इस बार विपक्ष पिछली बार की तुलना में ज्यादा लोगों की आवाज का प्रतिनिधित्व कर रहा है. हम आपका सहयोग करेंगे. हम चाहेंगे कि सदन लगातार अच्छे से चले. यह बहुत महत्वपूर्ण है कि सदन में विपक्ष की आवाज को उठाने दिया जाए.
अखिलेश यादव ने क्या कहा?
वहीं, अखिलेश यादव ने लोकसभा स्पीकर को नसीहत देते नजर आए. उन्होंने कहा कि इस पद से बहुत सारी गौरवशाली परंपराएं जुड़ी हुई हैं और हम यही मानते हैं कि बिना भेदभाव के सदन आगे बढ़ेगा. अध्यक्ष के रूप में आप हर सांसद और दल को बराबरी का मौका देंगे. हमारी अपेक्षा है कि किसी भी जनप्रतिनिधि की आवाज दबाई न जाए.
अखिलेश यादव ने कहा कि सदस्यों के निष्कासन से सदन की गरिमा को ठेस न पहुंचे. अखिलेश ने कहा कि हम सबकी आपसे अपेक्षा है कि दोबारा से निष्कासन जैसी कार्रवाई से सदन की गरिमा को ठेस न पहुंचे. आपका अंकुश विपक्ष पर तो रहता ही है सत्तापक्ष पर भी रहे. अध्यक्ष महोदय आपके इशारे पर सदन चले, इसका उल्टा न हो. हम आपके हर न्यायसंगत फैसले के साथ हैं. मैं नए सदन में पहली बार आया हूं तो मुझे लगा कि हमारे स्पीकर की कुर्सी बहुत ऊंची है.
ध्वनिमत से लोकसभा अध्यक्ष चुने गए ओम बिरला
बीजेपी के सांसद ओम बिरला को ध्वनिमत से लोकसभा अध्यक्ष चुन लिया गया. वह दूसरी बार यह उत्तरदायित्व संभाल रहे हैं. प्रधानमंत्री मोदी ने अध्यक्ष पद के लिए बिरला के नाम का प्रस्ताव रखा जिसका रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अनुमोदन किया. इस प्रस्ताव को प्रोटेम स्पीकर (कार्यवाहक अध्यक्ष) भर्तृहरि महताब ने सदन में मतदान के लिए रखा और इसे सदन ने ध्वनिमत से मंजूरी दे दी.
विपक्ष ने लोकसभा अध्यक्ष पद के लिए कांग्रेस सांसद कोडिकुन्नील सुरेश को अपना प्रत्याशी बनाया था, लेकिन सदन में मत-विभाजन कराने पर जोर नहीं दिया. इसके बाद कार्यवाहक अध्यक्ष महताब ने बिरला को लोकसभा अध्यक्ष चुने जाने की घोषणा की.