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Lok Sabha Speaker Election:मोदी सरकार की आज परीक्षा, 11 बजे स्पीकर का होगा चुनाव, सुरेश दे पाएंगे बिरला को चुनौती?

Lok Sabha Speaker Election: इंडिया गठबंधन के स्पीकर पद के उम्मीदवार के सुरेश ने कहा कि यह संख्या बल का मुद्दा नहीं है। यह लोकसभा की परंपरा है। अध्यक्ष का पद सत्ता पक्ष को मिलता है और उपाध्यक्ष का पद विपक्ष को। लेकिन, सरकार हमें उपाध्यक्ष का पद देने को

Lok Sabha Speaker Election: 18वीं लोकसभा के स्पीकर के लिए आज सुबह 11 बजे चुनाव होगा। एनडीए की तरफ से ओम बिरला तो इंडिया गठबंधन की तरफ से के सुरेश के बीच मुकाबला है। स्पीकर के लिए 542 सांसदों में से 537 सांसद ही वोट करेंगे। आज सुबह 11 बजे के बाद यह तय हो जाएगा कि लोकसभा का स्पीकर कौन होगा। इससे पहले स्पीकर का चुनाव निर्विरोध होता आ है लेकिन इस बार विपक्ष डिप्टी स्पीकर पद की मांग कर रहा है। सरकार की तरफ से मांगे नहीं माने जाने पर विपक्ष भी अपनी ताकत दिखा रहा है। संख्या बल के हिसाब से ओम बिरला का चुना जाना लगभग तय है।

सांसदों को मतदान प्रक्रिया की जानकारी देंगी पार्टियां

इस बीच कांग्रेस और बीजेपी ने अपने-अपने सांसदों के लिए तीन लाइन का व्हिप जारी किया है। हालांकि मतदान गुप्त तरीके से होगा और इसमें व्हिप लागू नहीं होगा। वहीं, आज एनडीए और इंडिया गठबंधन के नेता अपने सांसदों को मतदान प्रक्रिया के बारे में जानकारी देंगे।

राजीव प्रताप रूडी ने दिया ये संकेत

इस बीच बीजेपी सांसद राजीव प्रताप रूडी ने कहा कि स्पीकर का पद संवैधानिक पद है और हम सब इस बात को मानते हैं कि स्पीकर सबके होते हैं। आज एनडीए के पास बहुमत है और सबकी इच्छा है कि सहमति के साथ लोकसभा अध्यक्ष बने। हमारा मानना है कि हम एक बड़ी सहमति की ओर बढ़ रहे हैं और विपक्ष भी इस दिशा में विचार कर रहा है।

मांझी ने कही ये बात

केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने कहा कि स्पीकर किसी पार्टी का पद नहीं है, स्पीकर पूरे संसद का प्रतिनिधित्व करते हैं। यहां बहुमत को मानना चाहिए। बहुत से राज्यों में जिसकी सरकार होती है उसके स्पीकर व डिप्टी स्पीकर होते हैं लेकिन वे(विपक्ष) चाहते हैं कि डिप्टी स्पीकर पर पहले ही फैसला हो जाए। हमारा कहना है कि पहले स्पीकर पर फैसला हो जाए जब डिप्टी स्पीकर की बात होगी तो बैठकर तय कर लिया जाएगा, इसी पर सहमति नहीं बनी है।

के. सुरेश ने लगाया ये आरोप

इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार  के. सुरेश ने कहा कि हम 'हारें या जीतें पता नहीं, लेकिन लड़ेंगे। डिप्टी स्पीकर का पद विपक्ष का अधिकार है। हमें सरकार डिप्टी स्पीकर का पद नहीं दे रही है। इसलिए हम चुनाव लड़ रहे हैं। 

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