+

Donald Trump News:ट्रूडो को ट्रंप ने कहा 'पागल वामपंथी', कनाडा का नक्शा मिटाने पर उतारू अमेरिकी राष्ट्रपति

Donald Trump News: ट्रंप के अमेरिका के नए राष्ट्रपति चुने जाने के बाद से भारत से पंगा लेने वाले कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के सितारे लगता है गर्दिश

Donald Trump News: हाल ही में अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के बीच एक तीखा राजनीतिक विवाद देखने को मिला। ट्रंप ने क्रिसमस के मौके पर अपने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर कई आक्रामक बयान दिए, जिनमें उन्होंने ट्रूडो को “कट्टर वामपंथी पागल” कहा और कनाडा पर हाई टैरिफ लगाने की धमकी दी।

अमेरिका में विलय का प्रस्ताव

ट्रंप ने अपने संदेश में एक बार फिर से कनाडा को अमेरिका का 51वां राज्य बनाने का प्रस्ताव दिया। उन्होंने दावा किया कि यदि ट्रूडो इस प्रस्ताव को स्वीकार करते हैं, तो इससे कनाडा को आर्थिक रूप से बड़ा लाभ होगा। ट्रंप ने वादा किया कि अमेरिका कनाडा को 60% तक कर छूट देगा, जिससे कनाडा की अर्थव्यवस्था दोगुनी तेजी से विकसित हो सकेगी।

इसके साथ ही, ट्रंप ने ट्रूडो को कनाडा का गवर्नर बनने का ऑफर भी दिया। इस बयान ने राजनीतिक हलकों में खलबली मचा दी है, क्योंकि यह प्रस्ताव ट्रूडो और उनके समर्थकों के लिए न केवल अपमानजनक है, बल्कि कनाडा की संप्रभुता पर सवाल खड़ा करता है।

पनामा नहर पर नजर

ट्रंप का आक्रामक रुख केवल कनाडा तक सीमित नहीं है। उन्होंने पनामा नहर पर अमेरिकी नियंत्रण को लेकर भी अपनी महत्वाकांक्षा जताई। उन्होंने क्रिसमस के दिन दर्जनों संदेश पोस्ट किए, जिनमें उनके बयानों का आक्रामक लहजा साफ दिखाई दिया। हालांकि, कनाडा के संबंध में दिया गया बयान सबसे ज्यादा चर्चा में रहा।

ट्रूडो की मुश्किलें बढ़ीं

जस्टिन ट्रूडो के लिए ट्रंप का यह प्रस्ताव किसी चुनौती से कम नहीं है। ट्रूडो को न केवल कनाडा की स्वतंत्रता और संप्रभुता की रक्षा करनी है, बल्कि उन्हें अपने देशवासियों और अंतरराष्ट्रीय मंच पर अमेरिका के दबाव का जवाब भी देना है।

राजनीतिक और आर्थिक प्रभाव

विश्लेषकों का मानना है कि ट्रंप के इन बयानों का उद्देश्य कनाडा पर दबाव बनाना और अमेरिका-कनाडा संबंधों को अपनी शर्तों पर पुनः स्थापित करना है। हालांकि, यह प्रस्ताव दोनों देशों के बीच तनाव को और बढ़ा सकता है।

क्या होगा आगे?

ट्रंप के बयानों ने कनाडा और अमेरिका के बीच संबंधों को एक नए मोड़ पर ला खड़ा किया है। यह देखना दिलचस्प होगा कि जस्टिन ट्रूडो इन चुनौतियों का सामना कैसे करते हैं और क्या अमेरिका-कनाडा संबंधों में कोई बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा।

यह विवाद केवल राजनीतिक बयानबाजी तक सीमित रहेगा या फिर इसका असर दोनों देशों के कूटनीतिक और आर्थिक संबंधों पर भी पड़ेगा, यह आने वाले समय में ही साफ हो पाएगा।

facebook twitter