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Share Market News:ये सरकारी शेयर अडानी से ऑर्डर मिलते ही रॉकेट बना, लगा अपर सर्किट

Share Market News: 27 दिसंबर के दिन सेंसेक्स जब खुला तब वह 78,947 पर था. बाजार बंद होते-होते वह 78,699 पर जा पहुंचा. ऐसा ही हाल एक सरकारी शेयर का भी देखने को

Share Market News: 27 दिसंबर को शेयर बाजार की शुरुआत और अंत के बीच में कुछ खास घटनाएं देखने को मिलीं। सेंसेक्स सुबह 78,947 पर खुला लेकिन बाजार बंद होने तक 78,699 तक गिर गया। इस गिरावट के बावजूद एक सरकारी कंपनी के शेयर में अप्रत्याशित तेजी आई, और वह अपर सर्किट पर बंद हुआ। इस उछाल की वजह अडानी ग्रुप से मिले 450 करोड़ रुपए के ऑर्डर को बताया जा रहा है।

क्या है इस ऑर्डर का महत्व?

अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन लिमिटेड (APSEZ) ने कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड को आठ टग बोट के निर्माण के लिए 450 करोड़ रुपए का ऑर्डर दिया। टग बोट छोटी नौकाएं होती हैं, जो बड़े जहाजों को बंदरगाहों के पास सुरक्षित तरीके से लाने-ले जाने में मदद करती हैं। यह डील भारत में शिपबिल्डिंग और पोर्ट ऑपरेशंस के लिए "मेक इन इंडिया" पहल को बढ़ावा देने के साथ-साथ सुरक्षा और दक्षता के अंतरराष्ट्रीय मानकों को ध्यान में रखकर की गई है।

ऑर्डर की आपूर्ति का समय:
इन टग बोट्स की डिलीवरी दिसंबर 2026 से मई 2028 तक पूरी होने की उम्मीद है। इससे भारतीय बंदरगाहों में पोत परिचालन की दक्षता और सुरक्षा में बड़ा सुधार होगा।

कंपनी की प्रतिक्रिया

APSEZ के होलटाइम डायरेक्टर और सीईओ अश्विनी गुप्ता ने कहा, "हम स्थानीय, विश्वस्तरीय मैन्युफैक्चरिंग क्षमताओं का लाभ उठाकर ‘मेक इन इंडिया’ पहल में योगदान देना चाहते हैं। यह डील हमारी सुरक्षा और दक्षता के उच्चतम मानकों को सुनिश्चित करने के प्रयास का हिस्सा है।"

पिछले अनुभव और भविष्य की योजना

यह पहला मौका नहीं है जब कोचीन शिपयार्ड को अडानी ग्रुप ने ऑर्डर दिया हो। इससे पहले, कंपनी ने ओशन स्पार्कल लिमिटेड के लिए दो 62-टन बोलार्ड पुल ASD टग के निर्माण का ऑर्डर दिया था, जो समय से पहले डिलीवर किए गए। इन्हें पारादीप और न्यू मैंगलोर बंदरगाहों पर तैनात किया गया।

कुल ऑर्डर:
इस नए अनुबंध के साथ कोचीन शिपयार्ड को अडानी ग्रुप की ओर से 13 टग बोट का ऑर्डर मिल चुका है। यह डील बंदरगाहों में बेहतर सेवाएं प्रदान करने और एक युवा व कुशल बेड़ा तैयार करने की दिशा में बड़ा कदम है।

निवेशकों के लिए क्या है संदेश?

हालांकि, यह सरकारी कंपनी पिछले छह महीनों में अपने निवेशकों को 31% का नुकसान करवा चुकी है। लेकिन 450 करोड़ के ऑर्डर की खबर से निवेशकों में उत्साह देखा गया। इस ऑर्डर से कंपनी की वित्तीय स्थिति में सुधार और भविष्य में बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद की जा रही है।

निष्कर्ष

अडानी ग्रुप का यह बड़ा निवेश न केवल कोचीन शिपयार्ड के लिए बल्कि भारत के बंदरगाह क्षेत्र के लिए भी एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। यह कदम "मेक इन इंडिया" पहल को मजबूती देने के साथ-साथ भारतीय बंदरगाहों की क्षमता और सुरक्षा को वैश्विक स्तर पर उभारने में सहायक होगा।

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