IND vs AUS: भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच जारी बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में ऋषभ पंत का प्रदर्शन उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा है। यह सीरीज भारतीय टीम के लिए बेहद अहम है, लेकिन पंत का बल्ला अब तक खामोश नजर आया है। मेलबर्न में खेले जा रहे चौथे टेस्ट में भी वह टीम को निराश कर गए। फैंस को उनसे बड़ी पारी की उम्मीद थी, लेकिन वह क्रीज पर टिकने में नाकाम रहे। उनकी कमजोर बल्लेबाजी और खराब शॉट चयन ने क्रिकेट विशेषज्ञों और फैंस को नाराज किया है।
खराब शॉट चयन से गंवाया विकेट
चौथे टेस्ट की पहली पारी में पंत को एक अच्छी शुरुआत मिली थी। वह 28 रन पर खेल रहे थे, लेकिन स्कॉट बोलैंड की गेंद पर उन्होंने एक खराब शॉट खेलकर अपना विकेट फेंक दिया। यह शॉट न केवल खराब तरीके से टाइम हुआ, बल्कि गेंद बैट का एज लेकर हवा में उठ गई। नाथन लायन ने इसे आसानी से लपक लिया। उनके आउट होने के तरीके ने यह साफ कर दिया कि वह दबाव में सही फैसले नहीं ले पा रहे हैं।
सुनील गावस्कर ने जताई नाराजगी
ऋषभ पंत के इस प्रदर्शन से भारतीय क्रिकेट के दिग्गज खिलाड़ी सुनील गावस्कर खासे नाराज दिखे। उन्होंने पंत के शॉट चयन पर सवाल उठाते हुए कहा, "दो फील्डर खड़े हैं और फिर भी आप ऐसा शॉट खेलते हैं। यह आपका नेचुरल गेम नहीं है, बल्कि यह एक खराब शॉट था। ऐसे समय पर जब टीम को आपकी सबसे ज्यादा जरूरत थी, आप अपना विकेट फेंककर पवेलियन लौट गए।" गावस्कर का यह बयान पंत के खेल पर गंभीर सवाल खड़े करता है।
ट्रॉफी में पंत का निराशाजनक प्रदर्शन
बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में ऋषभ पंत ने अब तक चार टेस्ट खेले हैं और उनका प्रदर्शन औसत दर्जे का भी नहीं रहा। उनके स्कोर 37, 1, 21, 28, 9 और 28 रन रहे हैं। एक भी अर्धशतक न बना पाने वाले पंत का स्ट्राइक रेट और शॉट चयन दोनों ही सवालों के घेरे में हैं। विकेटकीपर के रूप में उनकी भूमिका भी असंतोषजनक रही है।
बेंच पर बैठे विकल्प
पंत की खराब फॉर्म के बावजूद टीम मैनेजमेंट ने युवा बल्लेबाज ध्रुव जुरेल को ज्यादा मौके नहीं दिए हैं। जुरेल को पर्थ टेस्ट में खेलने का मौका मिला था, लेकिन उसके बाद से उन्हें टीम से बाहर कर दिया गया। पंत का लगातार फ्लॉप प्रदर्शन अब सवाल खड़ा करता है कि क्या जुरेल जैसे युवा खिलाड़ियों को मौका दिया जाना चाहिए।
क्या है आगे का रास्ता?
ऋषभ पंत की फॉर्म भारतीय टीम के लिए चिंता का विषय है। उनकी विस्फोटक बल्लेबाजी और जोखिम भरा खेल उनके नेचुरल गेम का हिस्सा है, लेकिन इसे सही समय और परिस्थिति में इस्तेमाल करना जरूरी है। अगर पंत अपनी फॉर्म में सुधार नहीं करते, तो यह न केवल टीम के लिए, बल्कि उनके करियर के लिए भी नुकसानदायक हो सकता है।
अब देखना होगा कि टीम मैनेजमेंट और कोचिंग स्टाफ उनके खेल में सुधार लाने के लिए क्या कदम उठाते हैं और क्या अगले मैच में कोई बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा।