Bihar News:100 दबंग, 80 घर, 50 राउंड फायरिंग... नवादा में राख हुई दलित बस्ती का दुश्मन कौन?

08:53 AM Sep 19, 2024 | zoomnews.in

Bihar News: बिहार के नवादा जिले के कृष्णा नगर गांव में हाल ही में हुई एक गंभीर घटना ने स्थानीय समुदाय में आतंक और दहशत का माहौल पैदा कर दिया है। जानकारी के अनुसार, दबंगों के एक समूह ने दलित बस्ती को घेरकर न केवल फायरिंग की, बल्कि कई घरों में आग भी लगा दी। इस हिंसक वारदात में करीब 80 घरों को नुकसान पहुंचा है।

घटना का कारण

पुलिस ने बताया कि यह घटना जमीन विवाद से जुड़ी है। एक पक्ष वहां निवास करता है, जबकि दूसरा पक्ष इस जमीन पर अपना दावा करता आ रहा है। हालांकि, यह स्पष्ट किया गया है कि यह जमीन बिहार सरकार की संपत्ति है। इस विवाद ने हालात को इतना बिगाड़ दिया कि दबंगों ने बिना किसी डर के बस्ती में घुसकर हमला किया।

दबंगों का हमला

बुधवार की शाम, लगभग सौ की संख्या में दबंगों ने दलित बस्ती में अचानक प्रवेश किया और फायरिंग शुरू कर दी। बताया गया है कि इस दौरान करीब 50 राउंड फायरिंग की गई, जिससे गांव में अफरा-तफरी मच गई। ग्रामीणों ने अपनी जान बचाने के लिए इधर-उधर छिपने का प्रयास किया। सूचना मिलने पर स्थानीय अधिकारी और बाद में डीएम और एसपी भी मौके पर पहुंचे।

पुलिस की कार्रवाई

पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए 10 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। एसपी अभिनव धीमान ने पुष्टि की है कि मामले की जांच जारी है और बाकी आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है। उन्होंने यह भी कहा कि यदि स्थिति सामान्य नहीं होती है, तो पुलिस बल वहां और भी समय तक तैनात रहेगा।

सरकार की प्रतिक्रिया

बिहार सरकार के अनुसूचित जाति एवं जनजाति विभाग के मंत्री जनक राम ने इस घटना की कड़ी निंदा की है। उन्होंने कहा कि यह घटना दुखद है और सरकार ऐसे दबंगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगी। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में कमजोर वर्गों के लोग सुरक्षित हैं और किसी भी प्रकार की दबंगई को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

निष्कर्ष

यह घटना न केवल बिहार के नवादा जिले के लिए, बल्कि पूरे देश के लिए एक गंभीर चेतावनी है। सामाजिक न्याय और समानता के लिए लड़ाई में यह घटनाएँ हमारी जिम्मेदारियों को और बढ़ा देती हैं। स्थानीय प्रशासन और सरकार की जिम्मेदारी है कि वे ऐसे मामलों में त्वरित और प्रभावी कार्रवाई करें ताकि सभी समुदायों को सुरक्षा और न्याय का अनुभव हो सके।