Arvind Kejriwal News: दिल्ली में अगले साल फरवरी में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले, आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल एक नई मुसीबत में फंस गए हैं। उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने आबकारी नीति मामले में केजरीवाल के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ED) को मुकदमा दर्ज करने की मंजूरी दे दी है। यह निर्णय 5 दिसंबर को ED द्वारा दी गई सिफारिश पर आधारित है।
मुकदमे की पृष्ठभूमि
प्रवर्तन निदेशालय का आरोप है कि दिल्ली की आबकारी नीति में गड़बड़ी की गई, जिसमें कथित रूप से निजी कंपनियों को 6% रिश्वत के बदले 12% मार्जिन के साथ थोक शराब वितरण के अधिकार दिए गए। यह भी दावा किया गया कि इस धन का उपयोग 2022 में पंजाब और गोवा चुनाव के परिणामों को प्रभावित करने के लिए किया गया था।
केजरीवाल और सिसोदिया की याचिका
इस मामले में, अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया ने दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसमें ट्रायल कोर्ट द्वारा आरोपपत्र पर संज्ञान लेने के फैसले को चुनौती दी गई। दिल्ली हाई कोर्ट ने इस याचिका पर प्रवर्तन निदेशालय को जवाब दाखिल करने के लिए अतिरिक्त समय दिया है।
राजनीतिक पृष्ठभूमि और प्रभाव
यह मामला ऐसे समय में आया है जब दिल्ली में राजनीतिक माहौल गरमाया हुआ है। आगामी विधानसभा चुनावों से कुछ महीने पहले लिया गया यह निर्णय आम आदमी पार्टी के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। विपक्षी दल इस मुद्दे को लेकर हमलावर हो सकते हैं, जिससे चुनावी रणनीति प्रभावित हो सकती है।
आगे की प्रक्रिया
केजरीवाल पर मुकदमा दर्ज होने के बाद, यह देखना होगा कि अदालत का अगला कदम क्या होगा। यह मामला दिल्ली की राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है, जहां ईडी और अदालत की कार्रवाई के बीच राजनीतिक चर्चाएं तेज होंगी।
इस विवाद के बीच, अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी ने खुद पर लगाए गए आरोपों को राजनीति से प्रेरित बताया है। अब देखना होगा कि न्यायिक प्रक्रिया और चुनावी राजनीति इस मामले को किस दिशा में ले जाती है।