Priyanka Gandhi News: वायनाड लोकसभा सीट से कांग्रेस की सांसद प्रियंका गांधी की सदस्यता पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं। दरअसल, वायनाड से बीजेपी नेता नव्या हरिदास ने प्रियंका गांधी की जीत को चुनौती दी है और इस संबंध में केरल हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। नव्या हरिदास ने आरोप लगाया है कि प्रियंका गांधी ने अपने नामांकन पत्र में महत्वपूर्ण जानकारियों को छुपाया, जिससे चुनाव परिणाम प्रभावित हो सकते थे।
नव्या हरिदास का आरोप
नव्या हरिदास ने वायनाड लोकसभा सीट पर बीजेपी के टिकट पर प्रियंका गांधी के खिलाफ चुनाव लड़ा था, लेकिन वह प्रियंका गांधी से 5,12,399 वोटों से हार गई थीं। उन्होंने केरल हाईकोर्ट में याचिका दायर कर आरोप लगाया कि प्रियंका गांधी ने अपने नामांकन पत्र में अपने और उनके परिवार की संपत्तियों से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारियों को छुपाया, जो मतदाताओं के लिए जानना जरूरी था।
नव्या ने तर्क दिया कि प्रियंका गांधी ने जानबूझकर मतदाताओं को गुमराह करने का प्रयास किया और उनकी पसंद को प्रभावित करने के लिए गलत जानकारी दी। इसके अलावा, याचिका में यह भी आरोप लगाया गया कि प्रियंका गांधी ने चुनावी प्रक्रिया के दौरान मतदाताओं पर अनुचित प्रभाव डाला और इससे कानून का उल्लंघन हुआ।
प्रियंका गांधी का चुनावी हलफनामा
प्रियंका गांधी ने अपने चुनावी हलफनामे में यह जानकारी दी थी कि उनके पास कुल 4.24 करोड़ रुपये की चल संपत्ति है, जबकि उनके पास 13.89 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति है। इसके अलावा, प्रियंका के पति रॉबर्ट वाड्रा के पास 37.91 करोड़ रुपये की चल संपत्ति का विवरण भी हलफनामे में दिया गया। प्रियंका ने यह भी बताया था कि उनके ऊपर करीब 15 लाख 75 हजार रुपये का कर्ज है।
क्या है आगे की स्थिति?
नव्या हरिदास द्वारा दायर याचिका के बाद, यह देखना होगा कि केरल हाईकोर्ट इस मामले में क्या निर्णय लेता है। यदि कोर्ट ने प्रियंका गांधी के खिलाफ निर्णय दिया, तो उनकी लोकसभा सदस्यता पर संकट आ सकता है। हालांकि, इस समय प्रियंका गांधी ने अपनी जीत को सही ठहराया है और दावा किया है कि उन्होंने सभी जानकारियों को सही तरीके से प्रस्तुत किया था।
यह मामला राजनीतिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह कांग्रेस के लिए एक बड़ा झटका हो सकता है, जबकि बीजेपी इसे अपनी राजनीतिक रणनीति का हिस्सा मान सकती है। अब यह देखना होगा कि हाईकोर्ट में इस मामले की सुनवाई के बाद क्या निर्णय आता है और प्रियंका गांधी की लोकसभा सदस्यता पर इसका क्या प्रभाव पड़ता है।