Jharkhand New CM: झारखंड में सरकार बनाने के लिए राजभवन ने झामुमो विधायक दल के नेता चंपई सोरेन को आमंत्रित किया है. चंपई सोरेन आज (शुक्रवार) मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे. इसके बाद उन्हें 10 दिन में बहुमत साबित करना होगा. हालांकि सीएम के साथ और कितने लोग शपथ लेंगे, इसकी जानकारी अभी तक सामने नहीं आई है. बता दें कि चंपई सोरेन ने गुरुवार को राज्यपाल सी. पी. राधाकृष्णन से मुलाकात की थी. इस दौरान उन्होंने राज्यपाल से सरकार गठन के उनके अनुरोध को स्वीकार करने की अपील की थी.
झामुमो विधायक दल के नेता चंपई सोरेन को राज्यपाल की तरफ से मुख्यमंत्री नियुक्त करने में देरी को लेकर चिंताओं के बीच, गठबंधन ने अपने विधायकों को दो प्राइवेट विमानों से दूसरी जगह ले जाने के भी प्रयास किए. गठबंधन के कुछ विधायकों के अनुसार, उन्हें दो निजी विमानों से हैदराबाद ले जाने की योजना थी. हालांकि, विधायकों को हैदराबाद ले जाने की योजना रद्द करनी पड़ी, क्योंकि विमान हवाई अड्डे पर कम दृश्यता के कारण उड़ान नहीं भर सके.
Champai Soren to take oath as Jharkhand CM on 2nd February, floor test to take place in next 10 days: Alamgir Alam, CLP leader https://t.co/PniG8gnpPV
— ANI (@ANI) February 1, 2024
समर्थन पत्र पहले ही राज्यपाल को सौंपा
हेमंत सोरेन के इस्तीफे और गिरफ्तारी के बाद राज्य में कोई सरकार अस्तित्व में नहीं है. वहीं गुरुवार को झामुमो ने एक वीडियो भी जारी किया, जिसमें 81-सदस्यीय राज्य विधानसभा के 43 विधायक गठबंधन की मजबूती दिखाने के लिए मौजूद नजर आये. गुरुनार शाम को चंपई ने राज्यपाल से मुलाकात के बाद कहा था कि हमने राज्यपाल से कहा कि मैंने नयी सरकार के गठन के लिए आवश्यक समर्थन पत्र पहले ही सौंप दिया है और उन्हें जल्द ही इसके लिए प्रक्रिया शुरू करनी चाहिए.
हमारा गठबंधन बहुत मजबूत: चंपई सोरेन
चंपई सोरेन, गठबंधन के चार अन्य विधायकों के साथ राधाकृष्णन से मिलने गए थे. उन्होंने यह भी कहा था कि राज्यपाल ने उन्हें आश्वस्त किया है कि वह सरकार गठन के उनके अनुरोध पर जल्द ही निर्णय लेंगे.उन्होंने कहा कि हम एकजुट हैं. हमारा गठबंधन बहुत मजबूत है, इसे कोई नहीं तोड़ सकता.
झारखंड का संवैधानिक संकट टला
झारखंड के जमशेदपुर पूर्वी विधानसभा सीट से निर्दलीय विधायक और पूर्ववर्ती सरकार में मंत्री रहे सरयू राय ने किया एक्स पर चंपई सोरेन को बधाई दी. साथ ही उन्होंने लिखा कि राज्यापाल के विवेकपूर्ण निर्णय से झारखंड का संवैधानिक संकट टल गया है.