BSP President Mayawati: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा संसद में बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर को लेकर दिए गए बयान पर मचे सियासी घमासान के बीच, बहुजन समाज पार्टी (BSP) प्रमुख मायावती ने कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने इन दोनों पार्टियों को "एक ही थैली के चट्टे-बट्टे" करार देते हुए उन पर बाबा साहेब के नाम का राजनीतिक स्वार्थ के लिए उपयोग करने का आरोप लगाया।
मायावती का कांग्रेस और बीजेपी पर आरोप
मायावती ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि बाबा साहेब के संघर्ष और देशहित में उनके योगदान को कांग्रेस और बीजेपी जैसी पार्टियों ने हमेशा नज़रअंदाज़ किया। उन्होंने लिखा, "बाबा साहेब का नाम लेकर उनके अनुयायियों के वोट के स्वार्थ की राजनीति करने में कांग्रेस और बीजेपी एक ही थैली के चट्टे-बट्टे हैं। ये पार्टियां बाबा साहेब के आत्म-सम्मान के कारवां को आगे बढ़ने से रोकने के लिए बीएसपी को आघात पहुंचाने के षडयंत्र में जुटी रहती हैं।"
बीएसपी सरकार के योगदान को बताया अहम
मायावती ने अपने बयान में दावा किया कि केवल बीएसपी सरकार के दौरान ही बहुजन समाज में जन्मे महापुरुषों और संतों को आदर और सम्मान मिला। उन्होंने कहा कि जातिवादी मानसिकता वाली पार्टियां, जैसे कांग्रेस, बीजेपी और समाजवादी पार्टी (SP), बहुजन समाज के प्रतीकों और उनके योगदान को नकारने की कोशिश करती हैं।
समाजवादी पार्टी पर तीखा प्रहार
मायावती ने समाजवादी पार्टी पर भी निशाना साधते हुए कहा कि सपा ने अपने कार्यकाल के दौरान द्वेष की भावना से कई जिलों और संस्थानों के नाम बदल दिए। उन्होंने इसे बहुजन समाज के प्रतीकों के महत्व को खत्म करने की साजिश करार दिया।
कांग्रेस और बीजेपी को बताया अवसरवादी
मायावती ने कांग्रेस पर भी निशाना साधते हुए इसे बाबा साहेब के आदर्शों के खिलाफ काम करने वाली पार्टी बताया। उन्होंने कहा, "कांग्रेस का बाबा साहेब को लेकर दिखाया गया उतावलापन विशुद्ध छलावा और स्वार्थ की राजनीति है।"
बीएसपी के साथ बहुजन समाज
बीएसपी प्रमुख ने यह भी कहा कि उनकी पार्टी ने हमेशा बाबा साहेब के आदर्शों और उनकी नीतियों को आगे बढ़ाने का काम किया है। उन्होंने दावा किया कि बीएसपी ही वह पार्टी है जिसने बहुजन समाज के संतों और महापुरुषों को उनके योगदान के अनुसार उचित सम्मान दिया।
राजनीतिक संघर्ष जारी
अमित शाह के बयान से शुरू हुआ यह विवाद अब बीजेपी, कांग्रेस, और बीएसपी के बीच आरोप-प्रत्यारोप के दौर में बदल गया है। इस मुद्दे पर बहुजन समाज के लोगों की प्रतिक्रियाओं ने इसे और भी अधिक राजनीतिक रूप दे दिया है।
मायावती का यह बयान इस बात को स्पष्ट करता है कि बाबा साहेब अंबेडकर के नाम पर राजनीति का सिलसिला थमने वाला नहीं है। आने वाले समय में यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि बहुजन समाज के प्रति दलों का यह रवैया किस तरह से राजनीतिक समीकरणों को प्रभावित करता है।