Share Market News: पिछले सप्ताह भारतीय शेयर बाजार ने तेज बढ़त दर्ज की, जिससे देश की शीर्ष 10 सबसे अधिक वैल्यूएशन वाली कंपनियों में से छह का बाजार पूंजीकरण (मार्केट कैप) बढ़ गया। बीएसई सेंसेक्स ने 1,906.33 अंकों (2.38%) की छलांग लगाई, जबकि एनएसई निफ्टी 546.7 अंकों (2.26%) की बढ़त पर बंद हुआ। इस बढ़त का सीधा फायदा रिलायंस इंडस्ट्रीज, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस), एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, इंफोसिस और भारतीय स्टेट बैंक को हुआ।
टीसीएस और एचडीएफसी बैंक ने मारी बाजी
टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) का बाजार मूल्यांकन 62,574.82 करोड़ रुपये बढ़कर 16,08,782.61 करोड़ रुपये तक पहुंच गया। एचडीएफसी बैंक ने भी 45,338.17 करोड़ रुपये का इजाफा किया, जिससे उसका मार्केट कैप 14,19,270.28 करोड़ रुपये हो गया।
इसके अलावा:
- इंफोसिस: 26,885.8 करोड़ रुपये की बढ़त के साथ 7,98,560.13 करोड़ रुपये।
- रिलायंस इंडस्ट्रीज: 26,185.14 करोड़ रुपये बढ़कर 17,75,176.68 करोड़ रुपये।
- भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई): 22,311.55 करोड़ रुपये की वृद्धि के साथ 7,71,087.17 करोड़ रुपये।
- आईसीआईसीआई बैंक: 19,821.33 करोड़ रुपये की बढ़त के साथ 9,37,545.57 करोड़ रुपये।
इन कंपनियों को झेलनी पड़ी गिरावट
सप्ताह भर की तेजी के बावजूद भारती एयरटेल, आईटीसी, भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी), और हिंदुस्तान यूनिलीवर जैसी दिग्गज कंपनियों को घाटा सहना पड़ा।
- भारती एयरटेल: मार्केट कैप 16,720.1 करोड़ रुपये घटकर 9,10,005.80 करोड़ रुपये।
- आईटीसी: मार्केट कैप 7,256.27 करोड़ रुपये गिरकर 5,89,572.01 करोड़ रुपये।
अगले हफ्ते बाजार की दिशा तय करने वाले कारक
विशेषज्ञों का मानना है कि विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) का रुख, वैश्विक आर्थिक परिस्थितियां, ब्याज दरों का रुझान और भू-राजनीतिक घटनाएं बाजार की दिशा तय करेंगी। इसके अलावा, भारतीय कंपनियों की तीसरी तिमाही के नतीजे और देश की आर्थिक वृद्धि भी निवेशकों की धारणा को प्रभावित करेंगे।
डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार, दिसंबर महीने के पहले छह दिनों में एफपीआई ने भारतीय बाजारों में 24,454 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश किया है। यह दर्शाता है कि विदेशी निवेशकों का भरोसा भारतीय अर्थव्यवस्था पर बना हुआ है।
निष्कर्ष
पिछले सप्ताह बाजार में आई तेजी ने कई दिग्गज कंपनियों के वैल्यूएशन को नई ऊंचाई पर पहुंचा दिया। हालांकि, कुछ कंपनियों को नुकसान का सामना करना पड़ा। आने वाले हफ्तों में बाजार की चाल वैश्विक और घरेलू कारकों पर निर्भर करेगी, जिससे निवेशकों को सतर्क रहना होगा।