Pradeep Mishra: उत्तर प्रदेश के मेरठ में चल रही शिव महापुराण कथा में शुक्रवार को भगदड़ मच गई। यह भगदड़ शताब्दीनगर इलाके में हो रही कथा के छठे दिन हुई, जहां लगभग एक लाख से अधिक श्रद्धालु शामिल हुए थे। भगदड़ के दौरान कई लोग गिर गए और कुछ दबकर घायल हो गए। पुलिस और प्रशासन मौके पर पहुंचकर बचाव कार्य में जुट गए हैं।
घटना कैसे हुई?
सूत्रों के मुताबिक, महिलाओं और बुजुर्गों की भीड़ को एंट्री गेट पर बाउंसर्स ने रोक दिया था। इस दौरान भीड़ अनियंत्रित हो गई और धक्का-मुक्की शुरू हो गई। इससे भगदड़ की स्थिति पैदा हो गई, और लोग एक-दूसरे पर गिरने लगे।
कथा में कई वीवीआईपी श्रद्धालु भी उपस्थित थे, लेकिन भगदड़ के कारण कथा स्थल पर अफरातफरी मच गई। प्रशासन ने तुरंत घायल लोगों को अस्पताल पहुंचाया और भीड़ को नियंत्रित करने की कोशिश की।
पुलिस और प्रशासन का प्रयास
घटना के बाद मेरठ पुलिस और आयोजक दोनों सक्रिय हो गए। शांति बनाए रखने के लिए अधिकारियों ने लोगों से अपील की कि वे किसी भी अफवाह पर ध्यान न दें। आयोजन स्थल पर पहले से ही 1000 पुलिसकर्मी तैनात थे, और ड्रोन के जरिए भी पंडाल पर नजर रखी जा रही थी।
एसपी ट्रैफिक राघवेंद्र मिश्रा ने बताया कि शिव महापुराण कथा के चलते ट्रैफिक को डायवर्ट किया गया था, लेकिन भारी भीड़ के कारण स्थिति बिगड़ गई। आयोजन समिति ने वाहनों के लिए 7 पार्किंग स्थल बनाए थे और श्रद्धालुओं के लिए स्वच्छ जल, भोजन और अन्य सुविधाओं की व्यवस्था की थी।
पंडित प्रदीप मिश्रा और उनकी लोकप्रियता
पंडित प्रदीप मिश्रा, जो मध्य प्रदेश के सीहोर से हैं, एक प्रसिद्ध कथावाचक हैं। वे धार्मिक कथाओं के माध्यम से लाखों लोगों को आकर्षित करते हैं। उनकी कथाएं इतनी लोकप्रिय हैं कि हर दिन लाखों श्रद्धालु उन्हें सुनने पहुंचते हैं।
हालांकि, उनकी लोकप्रियता के साथ विवाद भी जुड़े रहे हैं। हाल ही में, उन्होंने वृंदावन की राधा रानी के संबंध में एक टिप्पणी की थी, जिसके लिए उन्हें मथुरा जाकर माफी मांगनी पड़ी थी।
क्या कहते हैं आयोजक?
श्री केदारेश्वर सेवा समिति द्वारा आयोजित यह कथा 15 दिसंबर से चल रही है और इसका समापन कल होगा। भगदड़ के बावजूद, आयोजकों ने व्यवस्था को बनाए रखने की पूरी कोशिश की। उन्होंने श्रद्धालुओं से अपील की कि वे संयम बनाए रखें।
स्थिति नियंत्रण में
फिलहाल, भगदड़ के बाद स्थिति नियंत्रण में है। प्रशासन ने घटना की जांच शुरू कर दी है। घायल लोगों का इलाज पास के अस्पतालों में चल रहा है।
यह घटना धार्मिक आयोजनों में भीड़ नियंत्रण के महत्व को रेखांकित करती है। प्रशासन और आयोजकों को भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए बेहतर प्रबंधन और सुरक्षा उपाय सुनिश्चित करने की आवश्यकता है।