Priyanka Gandhi Bag: शुक्रवार को संसद में एक अनोखी घटना घटी, जब भाजपा सांसद अपराजिता सारंगी ने कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी को एक ऐसा बैग भेंट किया, जिस पर “1984” लिखा हुआ था। इस बैग पर 1984 को खून से सना हुआ दिखाया गया, जो सीधे तौर पर सिख दंगों की याद दिलाने का प्रतीक माना जा रहा है। यह घटना प्रियंका गांधी की चर्चित “बैग पॉलिटिक्स” के नए अध्याय के रूप में देखी जा रही है।
प्रियंका की बैग पॉलिटिक्स पर केंद्रित हुआ ध्यान
प्रियंका गांधी का संसद में अलग-अलग संदेशों वाले बैग लेकर आना हाल के दिनों में चर्चा का विषय बना हुआ है।
- 10 दिसंबर: प्रियंका एक बैग लेकर पहुंचीं, जिस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उद्योगपति गौतम अडाणी की फोटो थी।
- 16 दिसंबर: प्रियंका के बैग पर फिलिस्तीन की आजादी का संदेश लिखा था। इस पर सफेद कबूतर और तरबूज का प्रतीक चिह्न भी बना था, जो फिलिस्तीनी एकजुटता का प्रतीक है।
- 17 दिसंबर: प्रियंका “बांग्लादेशी हिंदुओं और ईसाइयों के साथ खड़े रहो” संदेश वाला बैग लेकर पहुंचीं।
सांसद अपराजिता ने प्रियंका को सौंपा ‘1984’ बैग
भुवनेश्वर से भाजपा सांसद अपराजिता सारंगी संसद परिसर में प्रियंका गांधी का इंतजार करती नजर आईं। जैसे ही प्रियंका वहां पहुंचीं, अपराजिता ने ‘1984’ लिखा बैग उन्हें सौंपा। प्रियंका ने बैग स्वीकार तो किया, लेकिन इस पर कोई टिप्पणी किए बिना आगे बढ़ गईं।
प्रियंका का जवाब: “मैं जो चाहूंगी, वही पहनूंगी”
प्रियंका गांधी ने अपने बैग को लेकर उठ रहे सवालों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “मैं क्या पहनूंगी और क्या इस्तेमाल करूंगी, यह कोई और तय नहीं करेगा। यह मेरी व्यक्तिगत स्वतंत्रता है। वर्षों से चली आ रही पितृसत्तात्मक सोच को मैं नहीं मानती।”
भाजपा और कांग्रेस के बीच सियासी गर्मी
केंद्रीय मंत्री जयंत चौधरी ने इस घटनाक्रम पर तंज कसते हुए सोशल मीडिया पर कविता पोस्ट की, जिसमें प्रियंका के बैग की संख्या पर सवाल उठाए गए। उन्होंने लिखा, “आपके पास बैग ही बैग हैं। इन बैग में क्या है, और आपको इतने बैग की जरूरत क्यों है?”
‘1984’ बैग के पीछे का संदेश
विशेषज्ञों का मानना है कि ‘1984’ लिखा बैग प्रियंका गांधी और कांग्रेस पार्टी को सिख विरोधी दंगों की याद दिलाने का भाजपा का प्रयास था। यह दंगे भारतीय राजनीति के इतिहास में एक काला अध्याय हैं, जिनका जिक्र अक्सर कांग्रेस के विरोध में होता है।
निष्कर्ष
प्रियंका गांधी की बैग पॉलिटिक्स और भाजपा का ‘1984’ बैग के माध्यम से संदेश देना, दोनों ही घटनाएं संसद की सियासी बहस को नया मोड़ दे रही हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले दिनों में यह सियासी खींचतान किस दिशा में जाती है और जनता के बीच इसका क्या असर पड़ता है।