IND vs AUS: मेलबर्न के ऐतिहासिक मैदान पर भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी 2024-25 का चौथा मुकाबला खेला जा रहा है। मैच के दूसरे दिन भारतीय टीम ने एक अद्भुत भावनात्मक दृश्य प्रस्तुत किया, जब सभी खिलाड़ी काली पट्टी बांधकर मैदान पर उतरे। यह सम्मान देश के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह को श्रद्धांजलि स्वरूप दिया गया, जिनका 26 दिसंबर की रात 92 वर्ष की आयु में निधन हो गया।
मनमोहन सिंह को देश की ओर से श्रद्धांजलि
डॉ. मनमोहन सिंह, जो एक महान अर्थशास्त्री और 2004 से 2014 तक भारत के प्रधानमंत्री रहे, उनके निधन से पूरा देश शोक में डूबा हुआ है। उनकी दूरदर्शी नीतियों और शांत नेतृत्व के लिए उन्हें हमेशा याद किया जाएगा। भारतीय क्रिकेट टीम ने बॉक्सिंग-डे टेस्ट के दूसरे दिन काली पट्टी बांधकर खेलते हुए अपनी संवेदनाएं व्यक्त कीं।
खेल जगत ने व्यक्त किया शोक
सिर्फ क्रिकेट ही नहीं, खेल जगत के अन्य दिग्गज खिलाड़ियों ने भी सोशल मीडिया के माध्यम से अपने विचार प्रकट किए।
- वीरेंद्र सहवाग ने लिखा, “हमारे पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह जी के निधन पर मेरी हार्दिक संवेदनाएं। ओम शांति।”
- हरभजन सिंह ने कहा, “एक सज्जन व्यक्ति और दूरदर्शी नेता के रूप में डॉ. सिंह हमेशा याद किए जाएंगे। उनके निधन से गहरा दुख हुआ।”
- युवराज सिंह ने भी उन्हें एक शांत और कुशल नेता बताते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की।
दूसरे दिन का खेल: ऑस्ट्रेलिया का दबदबा
मैच के दूसरे दिन का पहला सेशन पूरी तरह से ऑस्ट्रेलिया के नाम रहा। ऑस्ट्रेलियाई टीम ने लंच ब्रेक तक 7 विकेट पर 454 रन बना लिए।
- स्टीव स्मिथ अपनी शानदार पारी में 139 रन पर नाबाद रहे।
- मिचेल स्टार्क ने 15 रन बनाकर स्मिथ का साथ दिया।
दूसरे दिन के पहले सेशन में ऑस्ट्रेलिया ने 27 ओवर में 143 रन जोड़े और सिर्फ एक विकेट गंवाया।
मनमोहन सिंह की विरासत
डॉ. मनमोहन सिंह का निधन न केवल भारत के लिए, बल्कि पूरे विश्व के लिए एक अपूरणीय क्षति है। उनके कार्यकाल में भारत ने आर्थिक और सामाजिक क्षेत्र में अभूतपूर्व प्रगति की। उनके विचारों और योगदान को आने वाली पीढ़ियां हमेशा याद रखेंगी।
निष्कर्ष:
मेलबर्न टेस्ट के इस भावनात्मक क्षण ने दिखाया कि खेल और राष्ट्रीय भावना किस प्रकार एक-दूसरे से जुड़े होते हैं। डॉ. मनमोहन सिंह को खेल और राजनीति से जुड़े हर व्यक्ति ने अपने-अपने तरीके से सम्मानित किया। भारतीय टीम की यह श्रद्धांजलि यह दिखाती है कि महान व्यक्तित्व का प्रभाव खेल के मैदान से बाहर भी गहराई तक महसूस किया जाता है।