Border-Gavaskar Trophy: बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी 2024-25 भारतीय क्रिकेट के लिए इस बार एक अहम इम्तिहान साबित होने वाली है। पिछली दो बार भारत ने ऑस्ट्रेलिया को उसी की धरती पर हराकर इतिहास रचा था, लेकिन इस बार हालात काफी बदल चुके हैं। ट्रॉफी के साथ-साथ वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप (WTC) का फाइनल भी दांव पर है। हालांकि, सीरीज शुरू होने से पहले ही टीम इंडिया को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। चोटों और व्यक्तिगत कारणों के चलते भारतीय टीम को संभावित रूप से अपने स्क्वॉड में बदलाव करना पड़ सकता है।
चोटों ने बढ़ाई टीम की मुश्किलें
टीम इंडिया के स्टार बल्लेबाज शुभमन गिल सीरीज की शुरुआत से पहले ही चोटिल हो गए हैं। इंडिया ए के खिलाफ प्रैक्टिस मैच में बाएं अंगूठे में फ्रैक्चर के चलते गिल का 22 नवंबर से पर्थ के ऑप्टस स्टेडियम में होने वाले शुरुआती टेस्ट से बाहर होना लगभग तय है।
इसके अलावा, केएल राहुल भी सेंटर विकेट पर मैच सिमुलेशन के दौरान दाहिनी कोहनी में चोटिल हो गए। वहीं, कप्तान रोहित शर्मा व्यक्तिगत कारणों से पहले मैच में उपलब्ध नहीं रहेंगे। हाल ही में दूसरी बार पिता बने रोहित फिलहाल अपने परिवार के साथ समय बिता रहे हैं और अब तक ऑस्ट्रेलिया नहीं पहुंचे हैं।
टीम मैनेजमेंट की नई रणनीति
इन अहम खिलाड़ियों की अनुपस्थिति से भारतीय टीम की रणनीति प्रभावित हो सकती है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारतीय टीम प्रबंधन ने साई सुदर्शन और देवदत्त पडिक्कल को स्क्वॉड में शामिल करने पर विचार किया है। ये दोनों खिलाड़ी पहले से ही ऑस्ट्रेलिया में मौजूद हैं, क्योंकि वे इंडिया ए टीम का हिस्सा थे।
साई सुदर्शन:
- हाल ही में भारत ए के लिए नंबर 3 पर खेलते हुए शानदार प्रदर्शन किया।
- दूसरे मैच में उन्होंने शतक लगाकर चयनकर्ताओं का ध्यान खींचा।
देवदत्त पडिक्कल:
- इस साल इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट में डेब्यू किया था।
- ऑस्ट्रेलिया ए के खिलाफ उन्होंने 88 रन की बेहतरीन पारी खेली।
- उनके पास टॉप ऑर्डर में खेलने का अच्छा अनुभव है।
वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप का फाइनल दांव पर
बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी केवल एक प्रतिष्ठित सीरीज ही नहीं, बल्कि वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में जगह बनाने का सुनहरा मौका भी है। टीम इंडिया के लिए हर मैच महत्वपूर्ण है, क्योंकि फाइनल तक पहुंचने के लिए इस सीरीज में जीत अनिवार्य है।
चुनौतीपूर्ण सीरीज की ओर
ऑस्ट्रेलिया में खेलना हमेशा से मुश्किल रहा है। तेज़ पिचों पर भारतीय टीम को न केवल अपने बल्लेबाजी क्रम को मजबूत रखना होगा, बल्कि गेंदबाजों से भी दमदार प्रदर्शन की उम्मीद करनी होगी। शुभमन गिल और रोहित शर्मा की गैरमौजूदगी में युवा खिलाड़ियों के पास खुद को साबित करने का सुनहरा मौका है।
निष्कर्ष
2024-25 की बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में टीम इंडिया की शुरुआत मुश्किलों से भरी हुई है। लेकिन भारतीय टीम ने पिछले कुछ वर्षों में चुनौतियों का डटकर सामना किया है और जीत हासिल की है। यह देखना दिलचस्प होगा कि कप्तान रोहित शर्मा और कोच राहुल द्रविड़ की अगुवाई में टीम कैसे रणनीति बनाती है और इन मुश्किल हालातों से बाहर निकलती है।