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America-China News:चीन और अमेरिका का ट्रेड वॉर, भारत के लिए कितना होगा फायदेमंद?

America-China News: ब्रोकरेज फर्म ने कहा है कि ट्रंप के दूसरे कार्यकाल में ट्रेड वॉर बढ़ सकता है, जबकि इस समय चीन की वृद्धि में निर्यात की हिस्सेदारी सबसे अधिक

America-China News: पिछले कुछ समय से भारतीय बाजार में विदेशी निवेशकों (FII) का रुझान कम हुआ है, और उनकी नज़रें चीन की तरफ बढ़ी हैं। इसके चलते भारतीय शेयर बाजार पर भी नकारात्मक असर पड़ा है। जहां एक ओर 27 सितंबर को बाजार ने नया हाई बनाया था, वहीं उसके बाद से भारतीय शेयर बाजार लगभग 10% नीचे आ चुका है, और इस गिरावट के चलते निवेशकों को करीब 48 लाख करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। अब, एक नई रिपोर्ट सामने आई है, जिसमें यह बताया गया है कि डोनाल्ड ट्रंप के अगले कार्यकाल में अमेरिका और चीन के बीच व्यापारिक युद्ध (ट्रेड वॉर) तेज हो सकता है, जिससे भारतीय बाजार में एक नई संभावना खुल सकती है।


सीएलएसए की रिपोर्ट: चीन से भारत की ओर बदलाव

वैश्विक ब्रोकरेज कंपनी सीएलएसए ने अपनी ताज़ा रिपोर्ट में बताया कि उसने अपने स्ट्रैटेजिक इन्वेस्टमेंट को लेकर चीन में निवेश घटा दिया है और अब वह भारत में निवेश बढ़ाने की दिशा में कदम उठा रहा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि डोनाल्ड ट्रंप के अगले कार्यकाल में अमेरिका और चीन के बीच ट्रेड वॉर बढ़ सकता है, जिसका असर चीनी बाजारों पर हो सकता है, और यही कारण है कि सीएलएसए ने अपना रुख बदलते हुए चीन से अपना निवेश कम किया है।

रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि ट्रंप के दूसरे कार्यकाल में ट्रेड वॉर की संभावना के चलते भारतीय बाजार में निवेश बढ़ने की उम्मीद हो सकती है। हालांकि, इस निवेश वृद्धि की तीव्रता का अंदाजा लगाना अभी मुश्किल है।


ट्रंप के कार्यकाल में बढ़ेगा ट्रेड वॉर?

सीएलएसए का कहना है कि ट्रंप के दूसरे कार्यकाल में चीन के साथ अमेरिका के व्यापारिक रिश्ते और भी कड़े हो सकते हैं, जिससे चीन की वृद्धि और निर्यात प्रभावित हो सकते हैं। चीन के निर्यात की हिस्सेदारी दुनिया भर में सबसे अधिक है, और ट्रंप की व्यापार नीति में बदलाव से यह बढ़ सकता है। यही कारण है कि सीएलएसए ने अपने निवेश को भारत की तरफ मोड़ने का निर्णय लिया है।

सीएलएसए के मुताबिक, अब वह इस दिशा में बदलाव कर रहा है और भारत में निवेश बढ़ाने का फैसला लिया है। यदि यह निवेश भारतीय बाजार में बढ़ता है, तो संभावनाएं हैं कि भारतीय शेयर बाजार में नवीन तेजी देखने को मिल सकती है। हालांकि, बाजार में बढ़ोतरी कितनी होगी, यह अभी अनुमानित करना कठिन है।


भारत को ट्रेड वॉर से क्या फायदा होगा?

अमेरिका और चीन के बीच ट्रेड वॉर के बढ़ने से भारत को एक बड़ा फायदा हो सकता है। चीन के साथ व्यापारिक रिश्ते खराब होने से अमेरिकी कंपनियां भारत में निवेश करने के लिए आकर्षित हो सकती हैं। इसके साथ ही, भारत का निर्यात बढ़ने की संभावना भी बन सकती है।

एक रिसर्च संस्था, जीटीआरआई (ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव) ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि अमेरिकी संसद के उच्च सदन, सीनेट में पिछले महीने पेश किए गए दो विधेयक चीन के साथ ट्रेड वॉर को तेज कर सकते हैं, और इन विधेयकों का वैश्विक अर्थव्यवस्था पर दूरगामी असर पड़ सकता है।

पीएनटीआर (स्थायी और सामान्य व्यापार संबंध अधिनियम) और एएनटीई (गैर-बाजार शुल्क चोरी उन्मूलन अधिनियम) जैसे विधेयकों का उद्देश्य चीन की व्यापार प्रथाओं को चुनौती देना है और नए व्यापारिक अवरोध खड़े करना है। पीएनटीआर विधेयक चीन की विशेष व्यापार स्थिति को समाप्त करने के लिए कदम उठाएगा, जबकि एएनटीई विधेयक गैर-बाजार अर्थव्यवस्थाओं, जैसे चीन और रूस, पर कड़ी कार्रवाई करेगा।


भारत के लिए संभावनाएं

अमेरिका और चीन के बीच बढ़ती प्रतिस्पर्धा से भारत को वैश्विक निवेशकों के लिए एक आकर्षक स्थान बनने का मौका मिल सकता है। अगर ट्रंप का कार्यकाल वाकई ट्रेड वॉर को और बढ़ाता है, तो भारतीय निर्यातकों और अमेरिकी कंपनियों के लिए भारत एक उपयुक्त विकल्प बन सकता है। भारत की बढ़ती अर्थव्यवस्था और व्यापारिक अवसरों की तलाश में अमेरिकी कंपनियों का रुख भारत की ओर हो सकता है, जो भारतीय बाजार के लिए सकारात्मक संकेत होगा।


निष्कर्ष

सीएलएसए की रिपोर्ट से यह स्पष्ट होता है कि भारत के लिए एक सुनहरा अवसर आ सकता है, खासकर अगर अमेरिका और चीन के बीच ट्रेड वॉर तेज होता है। भारतीय बाजार में विदेशी निवेशकों की वापसी भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक बढ़ावा हो सकती है, जिससे बाजार में नए उत्थान और निवेश के अवसर खुल सकते हैं। हालांकि, इसके साथ ही यह भी ध्यान रखना जरूरी होगा कि इस रुझान में स्थिरता और लंबी अवधि में निवेश के रिटर्न की सटीक भविष्यवाणी करना कठिन है।

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