Israel-Hezbollah War: इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू एक बार फिर से हमले का शिकार हुए हैं। ताजा घटना में उनके केसारिया स्थित आवास पर हमला किया गया, जहां परिसर में दो फ्लेयर दागे गए। हालांकि, हमले के समय नेतन्याहू और उनका परिवार घर पर मौजूद नहीं था। इस घटना के बाद इजराइली पुलिस और खुफिया एजेंसी शिन बेट सक्रिय हो गई हैं और जांच जारी है।
हमलों में बढ़ोतरी से इजराइल की चिंता
पिछले कुछ महीनों में नेतन्याहू पर हमलों की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। अक्टूबर में उनके घर पर ड्रोन हमला किया गया था, जिसका दावा ईरान समर्थित आतंकी संगठन हिजबुल्लाह ने किया था। अब एक और हमला होने से सुरक्षा एजेंसियों के लिए खतरे की घंटी बज गई है।
इजराइल के राष्ट्रपति इसहाक हर्जोग ने इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए सार्वजनिक क्षेत्र में बढ़ती हिंसा को लेकर चेतावनी दी। उन्होंने मामले की गहन जांच और जिम्मेदार लोगों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की मांग की।
हिजबुल्लाह का खतरा और इजराइल की जवाबी कार्रवाई
यह स्पष्ट नहीं है कि ताजा हमले के पीछे कौन है, लेकिन हिजबुल्लाह का नाम बार-बार सामने आ रहा है। इजराइल और हिजबुल्लाह के बीच तनाव हाल के महीनों में काफी बढ़ा है। 23 सितंबर से इजराइली सेना लेबनान में हिजबुल्लाह के ठिकानों पर लगातार हमले कर रही है। सीरिया और लेबनान की सीमा पर पुलों और सड़कें, जो हिजबुल्लाह के हथियार आपूर्ति मार्ग हैं, उन्हें भी इजराइल ने निशाना बनाया है।
हिजबुल्लाह की नई रणनीति
हिजबुल्लाह, जिसे 1980 के दशक में स्थापित किया गया था, इजराइल के लिए सबसे बड़े खतरे में से एक बन गया है। इसके नेता हसन नसरल्लाह की मौत के बाद संगठन और आक्रामक हो गया है। हिजबुल्लाह की गतिविधियां अब केवल लेबनान तक सीमित नहीं हैं, बल्कि यह इजराइल के भीतर और सीमावर्ती इलाकों में भी सक्रिय है।
इजराइल के सामने चुनौतियां
प्रधानमंत्री नेतन्याहू पर लगातार हो रहे हमले केवल उनके जीवन पर खतरा नहीं हैं, बल्कि इजराइल की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भी बड़ी चुनौती हैं। हिजबुल्लाह और इजराइल के बीच बढ़ती दुश्मनी ने पूरे क्षेत्र को अस्थिर कर दिया है।
इजराइल के लिए यह समय सुरक्षा रणनीतियों को और मजबूत करने और अंतरराष्ट्रीय सहयोग बढ़ाने का है। नेतन्याहू के खिलाफ हो रहे ये हमले केवल व्यक्तिगत नहीं हैं, बल्कि यह पूरे देश की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े करते हैं।
निष्कर्ष
प्रधानमंत्री नेतन्याहू और इजराइल के खिलाफ बढ़ती हिंसा से देश के नागरिकों और सरकार को सतर्क रहना होगा। हिजबुल्लाह जैसे संगठनों के बढ़ते खतरों को देखते हुए इजराइल को मजबूत रक्षा रणनीतियों और कूटनीतिक प्रयासों की आवश्यकता है। ऐसे समय में वैश्विक समर्थन और आंतरिक एकता ही देश को इन चुनौतियों से उबारने में मदद कर सकती है।