Tata Group: टाटा समूह के स्वामित्व वाली एयर इंडिया ने वित्त वर्ष 2023-24 में अपनी वित्तीय स्थिति को मजबूत करने में महत्वपूर्ण प्रगति की है। कंपनी ने अपना घाटा सालाना आधार पर 60 प्रतिशत घटाकर 4,444.10 करोड़ रुपये कर दिया है। यह उल्लेखनीय कमी पिछले वित्त वर्ष 2022-23 में 11,387.96 करोड़ रुपये के घाटे की तुलना में है। टाटा संस की हाल ही में जारी की गई वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, एयर इंडिया ने इस दौरान अपने कारोबार में भी उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की है। कंपनी का कारोबार 23.69 प्रतिशत बढ़कर 38,812 करोड़ रुपये हो गया, जबकि पिछले वित्त वर्ष में यह आंकड़ा 31,377 करोड़ रुपये था।
विलय और बाजार हिस्सेदारी में वृद्धि
टाटा समूह की रणनीतिक योजनाओं में एयर इंडिया की विमानन उपस्थिति को विस्तार देना शामिल है। रिपोर्ट के मुताबिक, एयर इंडिया ने एयरएशिया इंडिया (एईएक्स कनेक्ट) और विस्तारा के साथ विलय के माध्यम से अपनी उपस्थिति को और मजबूत किया है। विशेष रूप से, एयर इंडिया ने वित्त वर्ष 2023-24 में 51,365 करोड़ रुपये की अपनी उच्चतम एकीकृत वार्षिक परिचालन आय दर्ज की है, जो कि 2022-23 की तुलना में 24.5 प्रतिशत अधिक है। इसके अलावा, यात्री कारक में भी सुधार देखा गया है; 2022-23 में 82 प्रतिशत की तुलना में, 2023-24 में यह आंकड़ा 85 प्रतिशत तक पहुंच गया है।
संचालन और भविष्य की योजनाएं
इस वित्तीय वर्ष में, एयर इंडिया ने 55 घरेलू और 44 अंतरराष्ट्रीय गंतव्यों के लिए 800 दैनिक उड़ानों का संचालन किया, जिससे कुल 4.04 करोड़ यात्री यात्रा करने में सफल रहे। यह कंपनी के विस्तारित नेटवर्क और बढ़ती ग्राहक मांग का स्पष्ट संकेत है।
टाटा समूह के पास अब तीन एयरलाइनों का पूर्ण स्वामित्व है: एयर इंडिया, एयर इंडिया एक्सप्रेस, और एआईएक्स कनेक्ट। विस्तारा, जो एक संयुक्त उद्यम है, का 51 प्रतिशत हिस्सा टाटा समूह के पास है और 49 प्रतिशत हिस्सा सिंगापुर एयरलाइंस के पास है। विस्तारा ने हाल ही में घोषणा की है कि 11 नवंबर को इसकी आखिरी उड़ान होगी और 12 नवंबर से इसका संचालन एयर इंडिया के साथ विलय कर दिया जाएगा। इसके अलावा, एयर इंडिया एक्सप्रेस के प्रमुख आलोक सिंह ने भी घोषणा की है कि एआईएक्स कनेक्ट का विलय एक अक्टूबर से एयर इंडिया एक्सप्रेस के साथ कर दिया जाएगा।
निष्कर्ष
टाटा समूह के नेतृत्व में एयर इंडिया ने एक कठिन वित्तीय परिदृश्य के बावजूद महत्वपूर्ण सुधार किए हैं। घाटे में 60 प्रतिशत की कमी और व्यवसायिक वृद्धि इस बात का प्रमाण है कि कंपनी ने अपनी रणनीति और संचालन में प्रभावी सुधार किए हैं। भविष्य में एयर इंडिया की योजना की सफलता और उसके विस्तारित नेटवर्क के साथ उसकी बाजार हिस्सेदारी में वृद्धि के संकेत हैं।