Amit Shah vs Kharge: गृह मंत्री अमित शाह ने अंबेडकर विवाद को लेकर कांग्रेस पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने उनके राज्यसभा में दिए गए बयान को तोड़-मरोड़कर पेश किया और जनता के बीच भ्रम फैलाने की कोशिश की। अमित शाह ने स्पष्ट किया कि उन्होंने संविधान पर चर्चा के दौरान जो बातें कही थीं, उन्हें एडिट कर आधा-अधूरा दिखाया गया, जिससे कांग्रेस ने राजनीति करने की कोशिश की।
खरगे पर तीखा प्रहार
अमित शाह ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को सीधा निशाना बनाया। उन्होंने कहा, "खरगे जी, मेरे इस्तीफे से आपकी दाल नहीं गलने वाली।" उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि अगर खरगे को उनके इस्तीफे से खुशी मिलती है, तो वह इस पर विचार कर सकते हैं, लेकिन इससे कांग्रेस की समस्याओं का समाधान नहीं होगा। उन्होंने यह भी जोड़ा कि कांग्रेस को अभी 15 साल विपक्ष में ही बैठना होगा।
खरगे को आत्मनिरीक्षण की जरूरत
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान, अमित शाह ने मल्लिकार्जुन खरगे पर तीखी टिप्पणी करते हुए कहा कि उन्हें आत्मनिरीक्षण करना चाहिए। शाह ने कहा, "खरगे जी को यह सोचना चाहिए कि वह किस बात से क्रोधित हैं। उन्हें यह भी समझना चाहिए कि उनके गुस्से का कारण क्या है – मेरे बयान या उनकी अपनी असफलताएं।" उन्होंने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष को एक जिम्मेदार भूमिका निभानी चाहिए, खासकर क्योंकि वह उसी वर्ग से आते हैं जिसके अधिकारों के लिए बाबा साहेब ने अपना जीवन समर्पित कर दिया था।
कांग्रेस पर गंभीर आरोप
अमित शाह ने कांग्रेस को "अंबेडकर विरोधी, आरक्षण विरोधी, और संविधान विरोधी" पार्टी करार दिया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने अतीत में संविधान का अपमान किया, आपातकाल लगाया, न्यायपालिका को कमजोर किया, और सेना के बलिदान का भी अनादर किया। शाह ने यह भी आरोप लगाया कि कांग्रेस ने भारत की भूमि को दूसरे देशों को सौंपने की साजिश रची।
राहुल गांधी के दबाव का आरोप
गृह मंत्री ने कहा कि खरगे ने राहुल गांधी के दबाव में आकर अंबेडकर विवाद को लेकर यह कुत्सित प्रयास किया। उन्होंने कहा, "खरगे जी, आपसे उम्मीद थी कि आप इस तरह के प्रयास से बचेंगे। मगर, राहुल गांधी के दबाव में आप भी इसमें शामिल हो गए।"
अमित शाह का संदेश
अमित शाह ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी बाबा साहेब के विचारों का सम्मान करती है और उनके आदर्शों पर चलने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कांग्रेस पर जनता को भ्रमित करने का आरोप लगाते हुए कहा, "कांग्रेस ने जब कोई ठोस जवाब नहीं दिया तो मेरे बयान को एडिट कर राजनीति की। भाजपा का एक भी कदम बाबा साहेब के विचारों के विपरीत नहीं हो सकता।"
निष्कर्ष
अंबेडकर विवाद ने भारतीय राजनीति में फिर से भाजपा और कांग्रेस के बीच टकराव को तेज कर दिया है। अमित शाह के तीखे प्रहार से यह साफ हो गया है कि भाजपा इस मुद्दे पर कांग्रेस को घेरने का कोई मौका नहीं छोड़ेगी। वहीं, कांग्रेस पर उनके लगाए गंभीर आरोप और खरगे के प्रति उनके कटाक्ष ने इस विवाद को और गहरा बना दिया है।