Kolkata Rape-Murder Case : कोलकाता रेप-मर्डर मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई जारी है। चीफ जस्टिस (CJI) डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच मामले की सुनवाई कर रही है। CJI ने कहा- डॉक्टर्स की सुरक्षा व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए टास्क फोर्स बना रहे हैं, इसमें 9 डॉक्टर्स को शामिल किया गया है, जो मेडिकल प्रोफेशनल्स की सुरक्षा, वर्किंग कंडीशन और उनकी बेहतरी के उपायों की सिफारिश करेगा।
टास्क फोर्स में केंद्र सरकार के पांच अधिकारी भी शामिल किए गए हैं। कोर्ट ने CBI से 22 अगस्त तक स्टेटस रिपोर्ट और राज्य सरकार से घटना की रिपोर्ट मांगी है। केस की अगली सुनवाई 23 अगस्त को होगी।
कोलकाता केस पर सुप्रीम कोर्ट की बड़ी बातें :
सीजेआई ने कहा कि यह सिर्फ कोलकाता का एक भयावाह मामला नहीं है, बल्कि देश के डॉक्टरों की सुरक्षा का मसला है. खासतौर पर महिला डॉक्टरों की सुरक्षा और उनके वर्किंग ऑवर का मुद्दा है. महिलाओं की सुरक्षा को लेकर एक राष्ट्रीय सहमति बननी चाहिए.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि रेप का मसला है बहुत ही चिंताजनक है और पीड़िता का नाम मीडिया में आ गया है. तस्वीरें दिखा दी गई हैं. सुप्रीम कोर्ट का फैसला है कि रेप पीड़िता का नाम तक नहीं सार्वजनिक किया जाना चाहिए.
सीजेआई ने पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से पेश हुए वकील कपिल सिब्बल से सीजेआई ने सवाल करते हुए कहा कि एफआईआर में मर्डर स्पष्ट नहीं रहा है. इतना भयानक अपराध हुआ और क्राइम सीन को संरक्षित नहीं किया गया, पुलिस क्या कर रही थी?
सीजेआई ने कहा कि हम सीबीआई से स्टेटस रिपोर्ट तलब करते हैं और एक नेशनल टास्क फोर्स बनाई जाए. सुप्रीम कोर्ट ने एक राष्ट्रीय प्रोटोकॉल तैयार करने के लिए सर्जन-मेजर आरपी सरीन की अध्यक्षता में 10 सदस्यीय राष्ट्रीय टास्क फोर्स का गठन किया
सीजेआई ने पूछा शव को अंतिम संस्कार के लिए किस समय सौंपा गया था? कोर्ट का जवाब देते हुए कपिल सिब्बल ने कहा कि रात 8:30 बजे शव सौंप दिया गया था. उनके जवाब पर सीजेआई ने कहा कि शव सौंपने के 3 घंटे बाद एफआईआर दर्ज की गई, ऐसा क्यों किया गया?
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राज्य में इतने प्रदर्शन हो रहे हैं, डॉक्टर्स, सिविल सोसायटी, वकील सभी ने इस मामले में रोष व्यक्त किया है. आप धैर्य रखें. हम चाहते हैं कि व्यवस्था बेहतर हो.