CM Siddaramaiah: कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के लिए संकट का दौर जारी है। मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (MUDA) भूमि आवंटन घोटाले में राज्यपाल थावर चंद्र गहलोत ने उनके खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी है। इसके चलते सिद्धारमैया पर इस्तीफा देने का दबाव बढ़ गया है। शनिवार को कांग्रेस ने इस मुद्दे पर राजभव चलो मार्च निकाला, जिसका उद्देश्य राज्यपाल पर मुकदमा चलाने की मंजूरी पर पुनर्विचार के लिए दबाव डालना था।
इस बीच, एक आरटीआई (RTI) के जवाब में सामने आया है कि मुख्यमंत्री सिद्धारमैया सोशल मीडिया अकाउंट्स के प्रबंधन पर 54 लाख रुपये खर्च कर रहे हैं। यह राशि व्यक्तिगत और आधिकारिक दोनों अकाउंट्स के लिए है। टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार, आरटीआई कार्यकर्ता मारलिंगा गौड़ माली पाटिल ने यह जानकारी प्राप्त की।
मुख्यमंत्री कार्यालय ने बताया कि सिद्धारमैया का सोशल मीडिया खर्च पूर्व मुख्यमंत्रियों की तुलना में काफी कम है। पिछले साल अक्टूबर से मार्च 2024 तक, मुख्यमंत्री कार्यालय ने करीब 3 करोड़ रुपये खर्च किए हैं, जिसमें हर महीने लगभग 53.9 लाख रुपये शामिल हैं। इस खर्च में 18% जीएसटी भी शामिल है और यह पेमेंट 'पॉलिसी फ्रंट' नामक कंपनी को किया गया है, जो सिद्धारमैया के अकाउंट्स को संभालती है। इस कार्य के लिए एक 25 लोगों की टीम नियुक्त की गई है।
इस तरह के खर्च और घोटाले के बीच, मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की स्थिति और भी मुश्किल हो गई है, और उनकी सरकार के भविष्य पर सवाल उठ रहे हैं।