PM Modi In Kuwait: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कुवैत की दो दिवसीय यात्रा भारत और कुवैत के बीच के संबंधों को नए आयाम देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुई। यह यात्रा इसलिए भी ऐतिहासिक है क्योंकि बीते 43 वर्षों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री ने पहली बार कुवैत का दौरा किया है।
गार्ड ऑफ ऑनर और सर्वोच्च सम्मान से स्वागत
शनिवार को कुवैत पहुंचने के बाद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को रविवार को कुवैत के प्रतिष्ठित 'बायन पैलेस' में गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। कुवैत के अमीर शेख मेशाल अल-अहमद अल-जबर अल-सबा ने व्यक्तिगत तौर पर प्रधानमंत्री का स्वागत किया। इस यात्रा के दौरान कुवैत ने प्रधानमंत्री मोदी को अपने सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘द ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर’ से सम्मानित किया।
यह सम्मान कुवैत की ओर से विदेश नीति में योगदान और आपसी संबंधों को प्रगाढ़ बनाने वाले नेताओं को प्रदान किया जाता है। पीएम मोदी को यह 20वां अंतरराष्ट्रीय सम्मान प्राप्त हुआ, जो उनकी वैश्विक कूटनीतिक क्षमता और भारत की बढ़ती अंतरराष्ट्रीय भूमिका को दर्शाता है।
सम्मान को भारत के लोगों को समर्पित किया
सम्मान प्राप्त करने के बाद, प्रधानमंत्री मोदी ने इसे भारत के नागरिकों और दोनों देशों के बीच की गहरी मित्रता को समर्पित करते हुए कहा, “यह सम्मान भारत-कुवैत के मजबूत और घनिष्ठ संबंधों का प्रतीक है। मैं इस सम्मान को भारत के 1.4 अरब लोगों को समर्पित करता हूं।”
द्विपक्षीय वार्ता और रणनीतिक साझेदारी
पीएम मोदी ने अपनी यात्रा के दौरान कुवैत के अमीर और क्राउन प्रिंस से मुलाकात कर विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग को विस्तार देने पर चर्चा की। उनकी वार्ता का फोकस फार्मास्यूटिकल्स, आईटी, फिनटेक, इंफ्रास्ट्रक्चर और सुरक्षा जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर रहा।
प्रधानमंत्री मोदी ने कुवैत के अमीर के साथ बैठक के बाद ट्वीट किया, "हमने अपने द्विपक्षीय संबंधों को रणनीतिक स्तर पर ले जाने का संकल्प लिया है। कुवैत और भारत के बीच इस साझेदारी से दोनों देशों को दीर्घकालिक लाभ होगा।” इसके अलावा, दोनों देशों के बीच प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता भी संपन्न हुई, जिसमें कई समझौतों पर चर्चा की गई।
भारत और कुवैत के ऐतिहासिक संबंध
भारत और कुवैत के बीच लंबे समय से सांस्कृतिक, आर्थिक और राजनयिक संबंध रहे हैं। कुवैत में लगभग 10 लाख भारतीय रहते हैं, जो वहां की अर्थव्यवस्था का एक अभिन्न हिस्सा हैं। कुवैत भारत के लिए खाड़ी क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण ऊर्जा साझेदार भी है।
यात्रा का महत्व और भविष्य की दिशा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यह यात्रा दोनों देशों के बीच संबंधों को नई दिशा और मजबूती देने में मील का पत्थर साबित हुई है। जहां भारत ने अपनी कूटनीतिक शक्ति को और सुदृढ़ किया, वहीं कुवैत ने भारतीय नेतृत्व और उसके योगदान को खुलकर सराहा।
इस यात्रा के माध्यम से भारत ने अपने खाड़ी देशों के साथ संबंधों को गहरा और व्यापक बनाने की मंशा जाहिर की है। यह उम्मीद की जा रही है कि इस यात्रा के परिणामस्वरूप भारत और कुवैत के बीच व्यापार और सांस्कृतिक आदान-प्रदान के नए द्वार खुलेंगे।