Pawan Kalyan News:अपनी ही सरकार पर पवन कल्याण ने उठाए सवाल, गृहमंत्री को सुनाई खरी-खोटी

07:42 AM Nov 05, 2024 | zoomnews.in

Pawan Kalyan News: आंध्र प्रदेश के उपमुख्यमंत्री और जनसेना पार्टी के प्रमुख पवन कल्याण ने राज्य में कानून व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए अपनी ही सरकार पर सवाल खड़े किए हैं। राज्य में हालिया आपराधिक घटनाओं के बाद उन्होंने कहा कि यदि वह राज्य के गृह मंत्री होते, तो स्थिति अलग होती। उनकी इस टिप्पणी को गृह मंत्री वांगलापुडी अनिता की आलोचना के रूप में देखा जा रहा है, जिससे सरकार के भीतर दरारें साफ नजर आ रही हैं।

यूपी की कानून व्यवस्था का किया उल्लेख

पवन कल्याण ने आंध्र प्रदेश के पिथापुरम क्षेत्र के गोल्लाप्रोलु ​​में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कानून व्यवस्था के मुद्दों पर सरकार से कड़े कदम उठाने की मांग की। उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा अपनाए गए कानून व्यवस्था मॉडल की सराहना करते हुए कहा कि अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। उन्होंने कहा, “इन अपराधियों से उसी तरह निपटा जाना चाहिए, जैसा उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ के शासन में निपटा जा रहा है। तब तक वे नहीं सुनेंगे।’’

गृह मंत्री अनिता को दी कड़ी सलाह

टीडीपी के नेतृत्व में आंध्र प्रदेश की गठबंधन सरकार में पंचायत राज, वन और पर्यावरण विभाग का कार्यभार संभाल रहे पवन कल्याण ने गृह मंत्री अनिता को स्पष्ट संदेश दिया कि उन्हें गृह मंत्रालय की जिम्मेदारी को गंभीरता से निभाना चाहिए। उन्होंने कहा, “अगर मैं गृह मंत्रालय का कार्यभार संभाल रहा होता तो स्थिति अलग होती, यह याद रखिए।” पवन कल्याण के इस बयान को गृह मंत्री अनिता की कार्यक्षमता पर सवाल के रूप में देखा जा रहा है।

तिरुपति में बच्ची के साथ हुई घटना पर जताई नाराजगी

पवन कल्याण ने तिरुपति जिले में हाल ही में घटित चार साल की बच्ची के साथ रेप और मर्डर की दर्दनाक घटना का उल्लेख करते हुए पुलिस और कानून व्यवस्था की खामियों पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि इस तरह की घटनाएं बताती हैं कि राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति में सुधार की सख्त जरूरत है।

पुलिस की भूमिका पर उठाए सवाल

अपराधियों की जाति और धर्म पर आधारित पक्षपात का आरोप लगाते हुए पवन कल्याण ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा, “अपराधियों की कोई जाति या धर्म नहीं होता। हमें पुलिस अधिकारियों को कितनी बार बताना चाहिए? गिरफ्तारी में जाति क्यों बाधा बननी चाहिए? जब तीन साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म और उसकी हत्या की गई तो आप जाति का मुद्दा क्यों उठा रहे हैं?” उन्होंने पुलिस को भारतीय दंड संहिता का हवाला देते हुए कहा कि कानून के तहत अपराधियों का समर्थन करने का कोई निर्देश नहीं है।

निष्कर्ष

पवन कल्याण के इन बयानों से सरकार में हलचल मच गई है। उनकी टिप्पणियां न केवल गृह मंत्री अनिता की आलोचना मानी जा रही हैं बल्कि यह भी संकेत देती हैं कि पवन कल्याण भविष्य में गृह मंत्रालय की भूमिका निभाने के लिए तैयार हैं। राज्य में कानून व्यवस्था और पुलिस की कार्यप्रणाली को लेकर उनकी चिंता को देखते हुए सरकार पर भी इस दिशा में सुधार के लिए दबाव बढ़ सकता है।