Rahul Gandhi News: लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी इस समय अमेरिका के तीन दिवसीय दौरे पर हैं। रविवार को अमेरिका पहुंचे राहुल गांधी ने सोमवार को टेक्सास यूनिवर्सिटी में एक महत्वपूर्ण भाषण दिया। इस दौरान उन्होंने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) पर जमकर हमला बोला, और अपने विचारों से वहां के दर्शकों को प्रभावित किया।
मोदी और बीजेपी पर राहुल गांधी की टिपण्णी
राहुल गांधी ने अपने भाषण में भारत में बीजेपी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना की। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव परिणाम के बाद, अब कोई भी बीजेपी या मोदी से डरता नहीं है, और यह एक बड़ी उपलब्धि है। राहुल ने इसे केवल कांग्रेस पार्टी की नहीं बल्कि पूरी भारतीय जनता की उपलब्धि बताया। उनका कहना था कि यह दर्शाता है कि भारत के लोग अपने लोकतंत्र और संविधान की रक्षा के प्रति संजीदा हैं और किसी भी हमले को बर्दाश्त नहीं करेंगे।
RSS पर राहुल गांधी का हमला
राहुल गांधी ने RSS पर भी तीखा हमला किया और कहा कि संघ का मानना है कि भारत एक विचार है, जबकि उनका मानना है कि भारत विविधताओं का देश है। उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत में विभिन्न जातियों, भाषाओं, धर्मों और परंपराओं के लोग रहते हैं, और इसे किसी एक विचारधारा या पहचान में समेटा नहीं जा सकता। उनके अनुसार, हर व्यक्ति को अपने सपने देखने और अपनी सोच व्यक्त करने का अधिकार है, और यह अधिकार सभी को मिलना चाहिए। यह विचारधारा उनके लिए महत्वपूर्ण है और लोकसभा चुनाव के दौरान यह स्पष्ट हो चुका है।
संविधान की रक्षा पर जोर
राहुल गांधी ने यह भी कहा कि आधुनिक भारत की नींव संविधान पर आधारित है, और उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी पर संविधान पर हमले का आरोप लगाया। उन्होंने बताया कि चुनाव के दौरान उन्होंने जो बातें कहीं, वे संविधान की रक्षा की बात करती थीं। राहुल ने जोर देकर कहा कि भारत के संविधान पर हमला भारतीय धार्मिक परंपराओं, भाषाओं, राज्यों और इतिहास पर हमला करने के समान है। उन्होंने इसे लेकर भारत के लाखों लोगों की चिंताओं को साझा किया और संविधान की रक्षा को अपनी प्राथमिकता बताया।
निष्कर्ष
राहुल गांधी का अमेरिका दौरा भारतीय राजनीति में एक नया मोड़ ला सकता है। उनका भाषण न केवल भारत में चल रही राजनीतिक बहसों पर प्रकाश डालता है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी भारत की लोकतांत्रिक संस्थाओं और विचारधाराओं को लेकर एक मजबूत संदेश भेजता है। उनके विचार, विशेषकर मोदी और RSS पर की गई आलोचनाएँ, भारतीय राजनीति के समकालीन मुद्दों पर एक नई चर्चा की शुरुआत कर सकती हैं।