US Election 2024: अमेरिका में 5 नवंबर को होने वाले राष्ट्रपति चुनावों को लेकर चीन काफी चौकन्ना है। डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से उपराष्ट्रपति कमला हैरिस और रिपब्लिकन पार्टी के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच मुख्य मुकाबला होना है। दोनों नेताओं के बीच चीन किसे अधिक पसंद करता है, यह एक दिलचस्प सवाल है। चीन और अमेरिका के संबंध हमेशा से ही तनावपूर्ण रहे हैं, और विशेषकर बाइडेन और ट्रंप के समय में इन रिश्तों में खटास आई है।
चीन का मानना है कि ट्रंप के राष्ट्रपति पद के दौरान अमेरिका-चीन संबंधों में तेजी से गिरावट आई थी, जिसके चलते दोनों देशों के बीच गंभीर टकराव की स्थिति उत्पन्न हुई। चीनी विशेषज्ञों का कहना है कि कमला हैरिस को ट्रंप पर प्राथमिकता देने का कारण यह है कि हैरिस की नीति अधिक स्थिर और पूर्वानुमानित हो सकती है।
चीनी राष्ट्रीय सलाहकार निकाय के वरिष्ठ सदस्य जिआ किंग्गू ने कहा, “हम ट्रंप के साथ बुरे अनुभव नहीं दोहराना चाहते। उनके राष्ट्रपति काल के दौरान चीन के बारे में काफी गलत जानकारी फैलाई गई थी। इसके परिणामस्वरूप चीन और अमेरिका के बीच तनाव और भी बढ़ गया।”
हैरिस और ट्रंप: एक विभाजित नजरिया
जिआ ने बीबीसी को बताया कि चीन की आम जनता के विचार हैरिस और ट्रंप को लेकर विभाजित हैं। लेकिन, व्यक्तिगत अनुभव के आधार पर, वह हैरिस को प्राथमिकता देने का समर्थन करते हैं। ट्रंप के समय में संबंधों में आयी गिरावट ने चीन को इस दिशा में सोचने पर मजबूर किया है।
जिआ ने यह भी स्पष्ट किया कि चीन सरकार अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव पर टिप्पणी नहीं करना चाहती, ताकि उस पर अमेरिकी आंतरिक राजनीति में हस्तक्षेप करने का आरोप न लगे। यह दर्शाता है कि चीन अमेरिका की राजनीतिक स्थिति को गहराई से समझता है और उसके अनुसार अपनी नीति बनाने की कोशिश कर रहा है।
अमेरिका-चीन संबंधों का भविष्य
हालांकि, बाइडेन के कार्यकाल में भी अमेरिका-चीन के रिश्ते अधिक सुधरे नहीं हैं। जिआ का कहना है कि बाइडेन की अमेरिकी नीति ट्रंप द्वारा शुरू किए गए कई कठोर कदमों को विरासत में ले चुकी है, लेकिन उनका नेतृत्व अधिक स्थिर और पूर्वानुमानित है। इससे चीन को उम्मीद है कि अगर कमला हैरिस राष्ट्रपति बनती हैं, तो वह चीन के साथ एक बेहतर संवाद स्थापित कर सकती हैं।
अंततः, अमेरिका के राष्ट्रपति चुनावों का परिणाम केवल अमेरिका के लिए ही नहीं, बल्कि विश्व स्तर पर कई देशों के लिए महत्वपूर्ण होगा। विशेषकर चीन के लिए, जो अमेरिका के साथ अपने रिश्तों को सुधारने के लिए उत्सुक है। आगामी चुनाव न केवल अमेरिका की आंतरिक राजनीति को प्रभावित करेंगे, बल्कि अंतरराष्ट्रीय संबंधों के नए समीकरण भी तय करेंगे।
इस प्रकार, अमेरिका के राष्ट्रपति चुनावों को लेकर चीन की प्राथमिकताएं स्पष्ट हैं, और यह देखना रोचक होगा कि चुनाव के परिणाम किस दिशा में जाते हैं।