Delhi Pollution: दिल्ली में प्रदूषण की समस्या लगातार गंभीर होती जा रही है, और इसकी हवा दिन-ब-दिन जहरीली होती जा रही है। राजधानी के कई इलाकों में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 300 के पार पहुंच गया है, जो बेहद खतरनाक स्तर पर है। रविवार को दिल्ली के आनंद विहार में AQI 445 दर्ज किया गया, जो "बहुत खराब" श्रेणी में आता है। इस गंभीर स्थिति को देखते हुए दिल्ली सरकार ने सक्रिय कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। मुख्यमंत्री आतिशी और पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने आनंद विहार का दौरा किया और प्रदूषण से निपटने के उपायों का जायजा लिया।
प्रदूषण नियंत्रण के लिए उठाए जा रहे कदम
मुख्यमंत्री आतिशी ने अपने दौरे के दौरान कहा कि दिल्ली में प्रदूषण से निपटने के लिए कई सख्त कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि दिल्ली में डस्ट कंट्रोल पर निगरानी रखने के लिए 99 टीमें बनाई गई हैं, जो कंस्ट्रक्शन साइट्स पर जाकर धूल नियंत्रण के उपायों की जांच कर रही हैं। इसके अलावा, 325 से अधिक एंटी-स्मॉग गनों की तैनाती भी शुरू हो चुकी है, जो हवा में फैली धूल और प्रदूषण को कम करने का काम करेंगी।
आतिशी ने यह भी कहा कि दिल्ली में प्रदूषण के मुख्य स्रोतों की पहचान कर उन्हें नियंत्रित करने की दिशा में लगातार काम हो रहा है। चाहे PWD हो या MCD, सभी विभाग अपने स्रोतों का इस्तेमाल कर प्रदूषण को रोकने के प्रयासों में जुटे हैं। आनंद विहार, जो दिल्ली और यूपी के बॉर्डर पर स्थित है, सबसे ज्यादा प्रदूषित इलाकों में से एक है। यहां पर दिल्ली के बाहर से आने वाली बड़ी संख्या में बसें प्रमुख कारण हैं, जो प्रदूषण के स्तर को और बढ़ा देती हैं।
यूपी सरकार से होगी बातचीत
मुख्यमंत्री ने कहा कि आनंद विहार में प्रदूषण के प्रमुख कारणों में से एक यूपी से आने वाली डीजल बसें हैं। उन्होंने बताया कि हम इस मुद्दे पर यूपी सरकार से बात करेंगे ताकि बसों से निकलने वाले धुएं को नियंत्रित किया जा सके। इसके अलावा, क्षेत्र की सड़कों की मरम्मत और भीड़भाड़ वाले स्थानों पर अतिक्रमण हटाने जैसे कदम भी उठाए गए हैं।
जब उनसे छठ पूजा के दौरान होने वाले जल प्रदूषण के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने हरियाणा और यूपी से यमुना में छोड़े जा रहे अनुपचारित अपशिष्टों पर चिंता जताई। आतिशी ने कहा, "हम किसी पर आरोप नहीं लगा रहे हैं, लेकिन यह सच है कि यमुना में अपशिष्ट गिराए जा रहे हैं, जिससे जल प्रदूषण हो रहा है।"
पर्यावरण मंत्री गोपाल राय की प्रतिक्रिया
पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने भी स्थिति की गंभीरता पर जोर देते हुए कहा कि दिल्ली का प्रदूषण स्तर इस समय "खराब" श्रेणी में है, लेकिन आनंद विहार में यह स्तर पिछले 4-5 दिनों से बेहद खराब स्थिति में है। उन्होंने यूपी से आ रही डीजल बसों के कारण प्रदूषण को दोगुना होने की बात कही और यूपी सरकार से कौशांबी बस डिपो में पानी का छिड़काव करने की अपील की।
भाजपा पर हमला और विपक्ष की प्रतिक्रिया
गोपाल राय ने यमुना में जल प्रदूषण के मुद्दे पर भाजपा को निशाने पर लेते हुए कहा कि भाजपा समस्या पैदा करती है और फिर वीडियो बनाकर दिखावा करती है। उन्होंने कहा, "हमारा काम इसे साफ करना है, और हम छठ पूजा के लिए तैयारी कर रहे हैं।" राय ने कालिंदी कुंज इलाके में भी सफाई अभियान की बात कही और यूपी से आने वाले कचरे को साफ करने की दिशा में काम करने की योजना बनाई।
हालांकि, भाजपा सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने दिल्ली सरकार पर पलटवार करते हुए कहा कि प्रदूषण को नियंत्रित करना राज्य सरकार की जिम्मेदारी है। खंडेलवाल ने कहा, "गोपाल राय और अरविंद केजरीवाल पिछले 9 सालों में प्रदूषण से निपटने के लिए क्या कदम उठाए, यह बताएं। अब चुनाव नजदीक हैं, इसलिए वे निराशा में यूपी और हरियाणा पर आरोप लगा रहे हैं।"
निष्कर्ष
दिल्ली में बढ़ता प्रदूषण न सिर्फ स्वास्थ्य के लिए खतरा है, बल्कि यह एक बड़ा राजनीतिक मुद्दा भी बनता जा रहा है। दिल्ली सरकार ने प्रदूषण से निपटने के लिए कई कदम उठाए हैं, लेकिन विपक्ष के आरोपों और राजनीतिक तकरार के बीच इस समस्या का स्थायी समाधान ढूंढना एक चुनौती बनी हुई है। अब देखना यह होगा कि सरकार के उठाए कदम कितने प्रभावी साबित होते हैं, और क्या इससे दिल्ली के निवासियों को स्वच्छ हवा मिल सकेगी।
#WATCH | Delhi: CM Atishi and Environment Minister Gopal Rai inspect Anand Vihar hotspot.
— ANI (@ANI) October 20, 2024
The AQI of Anand Vihar was recorded at 445, in the 'Severe' category as per the Central Pollution Control Board pic.twitter.com/Lo29y5mlf8