Gold Rate Today: सोमवार को राष्ट्रीय राजधानी के सर्राफा बाजार में सोने की कीमतों में गिरावट दर्ज की गई। अखिल भारतीय सर्राफा संघ के अनुसार, सोने का भाव 200 रुपये कम होकर 79,200 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ। पिछले शुक्रवार को यह कीमत 79,400 रुपये प्रति 10 ग्राम पर थी। घरेलू बाजार में मांग की कमी और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में कमजोर रुझान इसकी प्रमुख वजहें रहीं।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने का प्रदर्शन
वैश्विक स्तर पर भी सोने की कीमतों में गिरावट देखी गई। कॉमेक्स बाजार में सोना वायदा 23.50 डॉलर यानी 0.88% की गिरावट के साथ 2,657.50 डॉलर प्रति औंस पर बंद हुआ। आनंद राठी शेयर्स एंड स्टॉक ब्रोकर्स के सहायक उपाध्यक्ष मनीष शर्मा ने कहा कि एशियाई बाजारों में सोना 2,621 डॉलर प्रति औंस के निचले स्तर पर पहुंच गया। डॉलर के मजबूत होने और अमेरिकी बॉन्ड प्रतिफल में वृद्धि ने सोने की कीमतों पर दबाव डाला।
डॉलर और मुद्रास्फीति का प्रभाव
डॉलर में मजबूती और अमेरिकी बॉन्ड प्रतिफल में वृद्धि के अलावा, राष्ट्रपति-चुनाव डोनाल्ड ट्रंप की प्रस्तावित नीतियों ने भी सोने की कीमतों को प्रभावित किया। इन नीतियों से जुड़ी मुद्रास्फीति संबंधी चिंताओं के कारण निवेशक सुरक्षित विकल्पों से दूर हट रहे हैं।
कोटक सिक्योरिटीज की कायनात चैनवाला के मुताबिक, इजरायल और लेबनान के बीच हुए युद्धविराम समझौते के बाद सुरक्षित निवेश के रूप में सोने की मांग घट गई है। इसके अलावा, मुद्रास्फीति को लेकर लगातार बनी चिंताओं ने अगले साल ब्याज दरों में कटौती की संभावनाओं को कमजोर कर दिया है।
वायदा कारोबार पर असर
सोने की वायदा कीमतों में भी गिरावट देखने को मिली। कमजोर हाजिर मांग के कारण सटोरियों ने अपने सौदों के आकार को घटाया। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) में फरवरी 2025 के लिए वायदा अनुबंध 813 रुपये यानी 1.05% की गिरावट के साथ 76,315 रुपये प्रति 10 ग्राम पर आ गया। इस दौरान 12,349 लॉट का कारोबार हुआ।
भविष्य की संभावनाएं
विश्लेषकों का मानना है कि वैश्विक बाजारों में कमजोरी का रुख और डॉलर में मजबूती आगे भी सोने की कीमतों को प्रभावित कर सकते हैं। हालांकि, त्योहारी सीजन और शादी के मौसम में घरेलू बाजार में मांग बढ़ने से कुछ स्थिरता देखने को मिल सकती है।
निष्कर्ष
सोने की कीमतों में आई यह गिरावट घरेलू और वैश्विक दोनों बाजारों की स्थितियों का परिणाम है। निवेशकों को सतर्क रहकर बाजार पर नजर बनाए रखने की जरूरत है, खासकर जब बाजारों में अनिश्चितता बनी हुई है।