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Arvind Kejriwal News:पटाखे नहीं जलाएं, बात हिंदू-मुस्लिम की नहीं, सांसें जरूरी- अरविंद केजरीवाल

Arvind Kejriwal News: AAP के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि दिल्ली के सफाई कर्मचारियों को बोनस के साथ साथ महीने के अंत से पहले

Arvind Kejriwal News: दिल्ली में दिवाली पर पटाखों के बैन का मुद्दा हर साल की तरह इस बार भी गरमाया हुआ है। कई लोगों ने पटाखों पर बैन को हिंदू विरोधी बताया है, लेकिन आम आदमी पार्टी (AAP) के संयोजक और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इसे स्पष्ट रूप से प्रदूषण का मसला बताया। उन्होंने कहा कि यह बैन किसी धर्म विशेष के खिलाफ नहीं है, बल्कि इसका उद्देश्य सभी की सेहत की रक्षा करना है। केजरीवाल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट भी इस बारे में दिशा-निर्देश दे चुके हैं कि पटाखे प्रदूषण बढ़ाते हैं और दिल्ली के हवा की गुणवत्ता पर बुरा असर डालते हैं।

पटाखे बैन पर केजरीवाल का रुख

केजरीवाल का कहना है कि दिवाली रोशनी का पर्व है, न कि पटाखों का। पटाखों के कारण हवा में जहरीले तत्वों का स्तर बढ़ता है, जिसका असर सीधे बच्चों, बुजुर्गों और अस्थमा के मरीजों की सेहत पर पड़ता है। उन्होंने कहा, “यह हिंदू-मुस्लिम का मुद्दा नहीं है, बल्कि हम सभी की सेहत की बात है। प्रदूषण से न केवल हिंदू बल्कि हर धर्म, हर वर्ग के लोग प्रभावित होते हैं।”

MCD कर्मचारियों के लिए बोनस और सैलरी का मुद्दा

केजरीवाल ने अपने बयान में दिल्ली की सफाई व्यवस्था का जिक्र करते हुए MCD में हुए सुधारों का भी जिक्र किया। उनके अनुसार, 18 सालों से सफाई कर्मचारियों को समय पर वेतन नहीं मिल पाता था और भ्रष्टाचार के कारण सफाई व्यवस्था भी प्रभावित हो रही थी। लेकिन, AAP सरकार के कार्यकाल में पहली बार कर्मचारियों को समय पर वेतन मिलने लगा है। उन्होंने बताया कि 64 हजार सफाई कर्मचारियों के खातों में 23 करोड़ का बोनस भी भेजा गया है।

आयुष्मान योजना में भ्रष्टाचार का आरोप

केजरीवाल ने केंद्र सरकार की आयुष्मान योजना को लेकर भी सवाल उठाए। CAG की रिपोर्ट का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि इस योजना में भ्रष्टाचार के संकेत मिले हैं। उनके अनुसार, दिल्ली में सभी चिकित्सा सेवाएं मुफ्त हैं, और इलाज, दवाइयों से लेकर ऑपरेशन तक का खर्च सरकार उठाती है। उन्होंने कहा कि दिल्ली की स्वास्थ्य व्यवस्था में आयुष्मान योजना की जरूरत नहीं है, और केंद्र को दिल्ली के मॉडल को अपनाना चाहिए ताकि देश के सभी नागरिकों को मुफ्त स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकें।

पटाखों के बैन का असली उद्देश्य

दिल्ली सरकार द्वारा पटाखों पर बैन का मुख्य कारण शहर की गंभीर प्रदूषण समस्या है। दिवाली के दौरान पटाखों के इस्तेमाल से दिल्ली में वायु प्रदूषण का स्तर खतरनाक रूप से बढ़ जाता है, जिससे लोगों को सांस संबंधी परेशानियां और कई अन्य गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं होती हैं। केजरीवाल के मुताबिक, पटाखों पर बैन लगाने का उद्देश्य इस बढ़ते प्रदूषण से राहत दिलाना है ताकि हर दिल्लीवासी एक स्वस्थ और स्वच्छ हवा में सांस ले सके।

निष्कर्ष

केजरीवाल का मानना है कि पटाखों पर बैन किसी धर्म विशेष के खिलाफ नहीं है, बल्कि यह प्रदूषण को कम करने का एक प्रयास है। उन्होंने दिल्ली की वर्तमान स्वास्थ्य और सफाई व्यवस्था को एक उदाहरण के रूप में प्रस्तुत करते हुए कहा कि प्रदूषण और स्वास्थ्य जैसे मुद्दे किसी धर्म विशेष के नहीं होते, बल्कि हर नागरिक की सुरक्षा और कल्याण के लिए होते हैं।

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