Share Market News: अल्लू अर्जुन की फिल्म ‘पुष्पा’ का मशहूर डायलॉग "झुकेगा नहीं…" अब सिर्फ सिनेमा तक सीमित नहीं रह गया है। यह वाक्य भारतीय शेयर बाजार के जुझारूपन और लगातार नई ऊंचाईयों तक पहुंचने की प्रवृत्ति पर भी बिल्कुल सटीक बैठता है। बार-बार झटके खाने के बावजूद, सेंसेक्स और निफ्टी ने एक बार फिर अपनी ताकत का प्रदर्शन किया है।
शेयर बाजार का शानदार प्रदर्शन
गुरुवार को बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) का सेंसेक्स 809.53 अंकों की बढ़त के साथ 81,765.86 अंक पर बंद हुआ। कारोबारी सत्र के दौरान यह 82,317.74 अंक तक पहुंच गया था, यानी दिन के निचले स्तर से 1,800 अंकों की जबरदस्त उछाल देखने को मिली।
पिछले पांच कारोबारी दिनों में सेंसेक्स में 3.44% यानी 2,722.12 अंकों की तेजी आई है। यह तब हुआ है जब देश की जीडीपी दर 6% से नीचे आ चुकी है और भारतीय कंपनियों की दूसरी तिमाही की कमाई में गिरावट देखी गई है। इसके बावजूद भारतीय शेयर बाजार ने दिखा दिया कि वह आर्थिक झटकों को झेलने और आगे बढ़ने में सक्षम है।
निफ्टी का उछाल
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का निफ्टी भी इस रैली में पीछे नहीं रहा। बीते पांच कारोबारी दिनों में निफ्टी ने 3.47% का रिटर्न दिया।
- 28 नवंबर को निफ्टी 23,914.15 अंकों पर बंद हुआ था।
- 5 दिसंबर को यह 24,708.40 अंकों पर बंद हुआ।
गुरुवार के सत्र में निफ्टी ने 240.95 अंकों की बढ़त हासिल की और दिन के निचले स्तर से 562.2 अंकों तक उछाल देखा।
निवेशकों को बड़ा फायदा
शेयर बाजार में इस तेजी ने निवेशकों को भारी मुनाफा दिलाया।
- 28 नवंबर को बीएसई का मार्केट कैप 4,42,98,083.42 करोड़ रुपये था।
- 5 दिसंबर को यह बढ़कर 4,58,17,010.11 करोड़ रुपये हो गया।
- कुल मिलाकर निवेशकों को 15.18 लाख करोड़ रुपये का फायदा हुआ।
विदेशी निवेशकों की वापसी: एक बड़ा कारण
भारतीय शेयर बाजार की इस तेजी का मुख्य कारण विदेशी निवेशकों (FPIs) की वापसी है।
- दिसंबर में अब तक विदेशी निवेशकों ने 14,964 करोड़ रुपये का निवेश किया।
- इसके विपरीत, अक्टूबर और नवंबर में उन्होंने 1,15,629 करोड़ रुपये बाजार से निकाले थे।
एफपीआई की यह वापसी भारतीय बाजार में भरोसे का संकेत है, जो न केवल बाजार की स्थिरता को दर्शाती है, बल्कि इसके भविष्य को भी उज्जवल बनाती है।
शेयर बाजार के उछाल के पीछे अन्य कारण
- घरेलू निवेशकों का समर्थन: रिटेल और म्यूचुअल फंड निवेशकों की सक्रियता ने बाजार में स्थिरता बनाए रखी।
- वैश्विक बाजार का समर्थन: अमेरिका और यूरोप के बाजारों से सकारात्मक संकेतों ने भारतीय बाजार को प्रोत्साहन दिया।
- सकारात्मक सेक्टर प्रदर्शन: IT, FMCG, और बैंकिंग जैसे क्षेत्रों में मजबूत प्रदर्शन ने बाजार को सहारा दिया।
क्या आने वाले दिनों में बाजार और ऊंचा जाएगा?
जानकारों की मानें तो भारतीय शेयर बाजार की यह तेजी जारी रह सकती है। मजबूत निवेशक भावना, एफपीआई का बढ़ता निवेश, और भारतीय अर्थव्यवस्था के दीर्घकालिक संभावनाओं को देखते हुए बाजार में और उछाल देखने को मिल सकता है।
निष्कर्ष
‘झुकेगा नहीं…’ सिर्फ एक डायलॉग नहीं, बल्कि भारतीय शेयर बाजार की असली पहचान बन गया है। चाहे आर्थिक चुनौतियां हों या वैश्विक अस्थिरता, सेंसेक्स और निफ्टी ने हर बार साबित किया है कि वे उभरने की ताकत रखते हैं। आने वाले समय में भारतीय शेयर बाजार अपनी नई ऊंचाईयों को छूने के लिए तैयार है, और इसके साथ निवेशकों को भी मुनाफे का बड़ा मौका मिलेगा।