Jammu-Kashmir Assembly Election: एक अरसे बाद जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव का आयोजन अब जल्द ही हो सकता है। केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी ने सोमवार को बताया है कि राज्य में विधानसभा चुनाव का आयोजन सितंबर में किया जाएगा। आपको बता दें कि जम्मू-कश्मीर में साल 2014 के बाग से विधानसभा चुनाव का आयोजन नहीं हुआ है। 2019 राज्य से धारा 370 के हटाए जाने के बाद जम्मू कश्मीर को केंद्रशासित प्रदेश बना दिया गया था। इसके साथ ही लद्दाख को जम्मू-कश्मीर से अलग कर दिया गया था।
भाजपा को जिताने की अपील
केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी को भाजपा ने जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव का प्रभारी नियुक्त किया है। सोमवार को जम्मू के बाहरी इलाके में रैली करते हुए रेड्डी ने जम्मू कश्मीर में विकास की गति बनाए रखने और आतंकवाद को जड़ से उखाड़ फेंकने के लिए लोगों से चुनाव में भाजपा को वोट देने की अपील की है। उन्होंने कहा कि 370 को निरस्त किये जाने के बाद से जम्मू कश्मीर में पाकिस्तान और इसकी खुफिया एजेंसी आईएसआई की गतिविधियों पर काफी हद तक अंकुश लगा है।
लोग भाजपा को सत्ता में लाएंगे
जी किशन रेड्डी ने रैली में कहा कि विधानसभा चुनाव सितंबर में होंगे और हमें यकीन है कि लोग भाजपा को पूर्ण बहुमत से सत्ता में लाएंगे। लोगों को यह तय करना होगा कि वे जम्मू कश्मीर में कौन सी सरकार चाहते हैं, वह जो अनुच्छेद 370 को बहाल करने की बात कर रही है या भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार - जो जम्मू-कश्मीर को विकास, शांति और समृद्धि की नयी ऊंचाइयों पर ले जाना चाहती है।
2014 में हुए थे विधानसभा चुनाव
पिछली बार जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव का आयोजन साल 2014 में किया गया था। 19 जून 2018 को भाजपा की ओर से समर्थन वापस लेने के बाद तत्कालीन सीएम महबूबा मुफ्ती ने मुख्यमंत्री पद से त्यागपत्र दे दिया था और उसके बाद जम्मू कश्मीर में राज्यपाल शासन लागू हुआ। वहीं, बाद में यहां बाद में राष्ट्रपति शासन लागू किया गया। इसके बाद पांच अगस्त 2019 को केंद्र सरकार ने अनुच्छेद 370 और 35ए को हटा दिया और जम्मू कश्मीर राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में पुनर्गठित किया गया। केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद से ही जम्मू-कश्मीर में उपराज्यपाल शासन की बागडोर संभाले हुए हैं।