Manmohan Singh: भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन की खबर ने न केवल भारत, बल्कि पूरी दुनिया को शोकमग्न कर दिया है। उनकी असामयिक मृत्यु पर कई देशों से शोक संदेश और श्रद्धांजलि का सिलसिला जारी है। इस क्रम में रूस ने भी अपनी संवेदनाएँ व्यक्त की हैं। भारत में रूस के राजदूत डेनिस अलीपोव ने डॉ. मनमोहन सिंह के निधन को भारत और रूस दोनों के लिए गहरी क्षति बताया।
भारत-रूस संबंधों में योगदान
राजदूत डेनिस अलीपोव ने डॉ. मनमोहन सिंह के व्यक्तित्व और कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि भारत और रूस के द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत बनाने में उनका योगदान अतुलनीय था। उन्होंने याद किया कि कैसे एक दूरदर्शी नेता और कुशल अर्थशास्त्री के रूप में डॉ. सिंह ने भारत की अर्थव्यवस्था और विदेश नीति को नई दिशा दी। उनके कार्यकाल में भारत-रूस संबंधों में स्थायित्व और प्रगाढ़ता आई, जो आज भी दोनों देशों के बीच साझेदारी का आधार है।
डॉ. मनमोहन सिंह: एक सौम्य और प्रतिबद्ध नेता
रूसी राजदूत ने डॉ. मनमोहन सिंह के सरल और सौम्य व्यवहार की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि एक अर्थशास्त्री के रूप में उनकी विशेषज्ञता और भारत की प्रगति के प्रति उनकी प्रतिबद्धता निर्विवाद थी। डॉ. सिंह के नेतृत्व में भारत ने आर्थिक और सामाजिक क्षेत्रों में महत्वपूर्ण उपलब्धियाँ हासिल कीं। उनकी विनम्रता और सादगी ने उन्हें वैश्विक स्तर पर एक सम्मानित नेता के रूप में स्थापित किया।
वैश्विक प्रतिक्रिया और श्रद्धांजलि
डॉ. मनमोहन सिंह की मृत्यु पर दुनिया भर के नेताओं ने शोक व्यक्त किया है। उन्होंने डॉ. सिंह को एक ऐसे नेता के रूप में याद किया, जिन्होंने अपने देश की सेवा में अद्वितीय योगदान दिया। उनकी नीतियाँ और उनके निर्णय आज भी भारत की आर्थिक और कूटनीतिक दिशा को प्रभावित कर रहे हैं।
अंतिम शब्द
डॉ. मनमोहन सिंह का निधन न केवल भारत के लिए, बल्कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए भी एक बड़ी क्षति है। उनकी विरासत एक प्रेरणा के रूप में जीवित रहेगी। भारतीय और रूसी समुदाय उनके परिवार और प्रियजनों के प्रति अपनी संवेदनाएँ प्रकट करते हुए इस कठिन समय में उनके साथ खड़े हैं। डॉ. मनमोहन सिंह के योगदान को इतिहास में हमेशा सम्मानपूर्वक याद किया जाएगा।
ॐ शांति।