The Sabarmati Report: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2002 के गोधरा कांड पर बनी फिल्म 'द साबरमती रिपोर्ट' की तारीफ करते हुए इसे सच्चाई को उजागर करने वाला महत्वपूर्ण प्रयास बताया। सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए पीएम मोदी ने लिखा, "यह अच्छी बात है कि यह सच्चाई सामने आ रही है, और वह भी एक ऐसे तरीके से जिससे आम लोग इसे देख सकें। एक फर्जी कहानी सीमित समय तक ही चल सकती है। आखिरकार, सच हमेशा सामने आते हैं!"
प्रधानमंत्री ने फिल्म में मुख्य भूमिकाएं निभाने वाले विक्रांत मैसी, राशि खन्ना और रिद्धि डोगरा जैसे कलाकारों की भी सराहना की। उन्होंने यह प्रतिक्रिया एक सोशल मीडिया उपयोगकर्ता की पोस्ट पर दी, जिसमें फिल्म को देखने की सिफारिश की गई थी। यूजर ने इसे गोधरा कांड की सच्चाई को संवेदनशीलता और गरिमा के साथ पेश करने वाला बताया।
गोधरा कांड पर आधारित 'द साबरमती रिपोर्ट'
फिल्म 'द साबरमती रिपोर्ट' का निर्देशन धीरज सरना ने किया है और यह 15 नवंबर को रिलीज हुई। इस फिल्म में गोधरा कांड की पृष्ठभूमि और उसके प्रभावों को दर्शाया गया है। गोधरा कांड में 27 फरवरी, 2002 को साबरमती एक्सप्रेस के एस-6 कोच में आगजनी की घटना हुई थी, जिसमें महिलाओं और बच्चों सहित 59 लोग मारे गए थे।
इस घटना ने पूरे गुजरात में सांप्रदायिक दंगों को भड़काने का काम किया। फिल्म में मुख्य भूमिका विक्रांत मैसी निभा रहे हैं, जो इस संवेदनशील मुद्दे को सामने लाने के लिए प्रयासरत एक किरदार के रूप में दिखाई देते हैं।
गोधरा कांड: एक संक्षिप्त विवरण
27 फरवरी, 2002 को साबरमती एक्सप्रेस ट्रेन गोधरा स्टेशन से निकलने के बाद आउटर सिग्नल पर रोक दी गई थी। इसके तुरंत बाद करीब 2,000 लोगों की भीड़ ने ट्रेन पर हमला कर दिया। पत्थरबाजी के साथ-साथ ट्रेन के एस-6 कोच में आग लगा दी गई, जिससे 59 यात्रियों की जान चली गई। मृतकों में 27 महिलाएं और 10 बच्चे भी शामिल थे। इस घटना में 48 लोग घायल हुए।
गोधरा कांड के बाद गुजरात में हिंसा का दौर शुरू हो गया, जिसमें कई हफ़्तों तक सांप्रदायिक झड़पें होती रहीं। इस घटना को लेकर राजनीतिक और सामाजिक विवाद गहराते गए।
फिल्म पर प्रतिक्रियाएं
फिल्म को लेकर सोशल मीडिया पर सकारात्मक प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं। एक उपयोगकर्ता ने कहा, "निर्माताओं ने गोधरा कांड को बहुत संवेदनशीलता के साथ दिखाया है और इस मुद्दे पर किसी भी तरह की राजनीति से बचने की कोशिश की है।"
प्रधानमंत्री मोदी द्वारा की गई प्रशंसा फिल्म को व्यापक दर्शकों तक पहुंचाने में मददगार हो सकती है। फिल्म का उद्देश्य उस समय की घटनाओं को सही परिप्रेक्ष्य में लाकर जनता के सामने प्रस्तुत करना है।
सच और सिनेमा का संगम
'द साबरमती रिपोर्ट' जैसे प्रयास सिनेमा के जरिए सच्चाई को सामने लाने का उदाहरण हैं। प्रधानमंत्री मोदी की प्रतिक्रिया यह दिखाती है कि फिल्में केवल मनोरंजन का माध्यम नहीं हैं, बल्कि वे इतिहास और सामाजिक मुद्दों को जन-जन तक पहुंचाने का सशक्त जरिया बन सकती हैं।
Well said. It is good that this truth is coming out, and that too in a way common people can see it.
— Narendra Modi (@narendramodi) November 17, 2024
A fake narrative can persist only for a limited period of time. Eventually, the facts will always come out! https://t.co/8XXo5hQe2y