Russia-Ukraine War: रूस ने पिछले तीन महीनों में रविवार को यूक्रेन पर सबसे बड़ा हवाई हमला किया। इस हमले में रूसी सेना ने 120 मिसाइलें और 90 ड्रोन दागे, जिससे कम से कम सात लोगों की मौत हो गई और यूक्रेन के ऊर्जा ग्रिड को "गंभीर क्षति" पहुंची। यूक्रेनी अधिकारियों ने आशंका जताई है कि इस सर्दी में रूस के लगातार हमले लंबे समय तक बिजली आपूर्ति बाधित कर सकते हैं, जिससे देश में ब्लैकआउट की स्थिति बन सकती है।
हमले के व्यापक प्रभाव
इन हमलों से यूक्रेन के कई इलाकों में आपातकालीन बिजली कटौती हुई। राजधानी कीव सहित अन्य प्रमुख शहरों में विस्फोटों की आवाजें रातभर गूंजती रहीं। सोमवार सुबह रूस ने मिसाइल हमलों की एक नई श्रृंखला शुरू की, जिसने नागरिक बुनियादी ढांचे को गंभीर नुकसान पहुंचाया।
यूक्रेन की सबसे बड़ी ऊर्जा प्रदाता कंपनी डीटीईके के सीईओ मैक्सिम टिमचेंको ने कहा, "हमारे बिजली स्टेशन और पावर ग्रिड बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। इन हमलों ने एक बार फिर यूक्रेन को हमारे सहयोगियों से अतिरिक्त वायु रक्षा प्रणालियों की आवश्यकता को उजागर किया है।"
मनोवैज्ञानिक दबाव और सर्दी का संकट
रूस के इन हमलों का समय विशेष रूप से चिंताजनक है। सर्दियां शुरू होते ही यूक्रेन में ऊर्जा संकट गहराने की संभावना है। रूस की इस आक्रामक रणनीति का उद्देश्य यूक्रेनी नागरिकों और सरकार पर मनोवैज्ञानिक दबाव बढ़ाना है।
यूक्रेनी विदेश मंत्री एंड्री सिबिहा ने इस हमले की निंदा करते हुए एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, "यह रूस के सबसे बड़े हवाई हमलों में से एक है। शांतिपूर्ण शहरों, सोते हुए नागरिकों और महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे पर ड्रोन और मिसाइलों से हमला किया गया।"
अंतरराष्ट्रीय स्थिति और भविष्य के संकेत
रूस के इन हमलों का समय भी अंतरराष्ट्रीय घटनाओं से जुड़ा है। अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप की जीत और उनकी युद्ध समाप्ति की प्रतिज्ञा ने संघर्ष समाधान की उम्मीदें जगाई थीं। लेकिन रूस के इस हमले ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वह इस युद्ध को लंबा खींचने और रणनीतिक लाभ लेने की योजना बना रहा है।
यूक्रेन के ऊर्जा बुनियादी ढांचे पर केंद्रित हमले
रूसी हमलों का एक बड़ा उद्देश्य यूक्रेन के ऊर्जा बुनियादी ढांचे को निशाना बनाना है। युद्ध की शुरुआत से ही रूस ने यूक्रेन की बिजली आपूर्ति को बाधित करने का प्रयास किया है। रविवार के हमलों के बाद राजधानी कीव और अन्य क्षेत्रों में ब्लैकआउट की स्थिति रही।
यूक्रेनी सुरक्षा बलों ने इस हमले के जवाब में कुछ ड्रोन और मिसाइलों को गिराने का दावा किया, लेकिन बड़े पैमाने पर नुकसान को टाला नहीं जा सका।
निष्कर्ष
रूस के यह ताजा हवाई हमले यूक्रेन के लिए एक कठिन सर्दी का संकेत दे रहे हैं। ऊर्जा आपूर्ति बाधित होने से न केवल नागरिकों की मुश्किलें बढ़ेंगी, बल्कि देश की युद्धक्षमता भी प्रभावित हो सकती है।