Delhi Politics: दिल्ली महापौर का चुनाव आखिरकार 14 नवंबर को आयोजित किया जाएगा, जिसका आदेश मौजूदा महापौर शैली ओबेरॉय ने जारी किया है। यह फैसला कई महीनों के इंतजार और कई असफल प्रयासों के बाद लिया गया है। शैली ओबेरॉय ने पहले ही पिछले महीने इस बात का संकेत दे दिया था कि नवंबर में महापौर का चुनाव संपन्न होगा। दिल्ली में पिछले छह महीने से महापौर का चुनाव लगातार टल रहा है, जिसमें कई मुद्दों पर मतभेद और बाधाओं के चलते चुनाव नहीं हो सका।
महापौर चुनाव का आदेश और बैठक का कार्यक्रम
महापौर शैली ओबेरॉय द्वारा जारी किए गए आदेश में कहा गया है कि दिल्ली नगर निगम की स्थगित अप्रैल (2024) सभा और महापौर एवं उपमहापौर का चुनाव 14 नवंबर, 2024 को दोपहर 2 बजे अरूणा आसफ अली सभागार, सिविक सेंटर, नई दिल्ली में संपन्न होगा। इस सभा के बाद, वर्ष 2024 की अन्य स्थगित सभाएं - जनवरी, मई, जून, जुलाई, अगस्त और सितंबर - भी क्रमशः 3:00 बजे से 4:30 बजे तक आयोजित होंगी।
पिछले महीने हंगामे के बाद हुई थी घोषणा
28 अक्टूबर को, महापौर शैली ओबेरॉय ने दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) की बैठक को स्थगित करते हुए नवंबर में महापौर चुनाव की घोषणा की थी। यह चुनाव अप्रैल से लंबित है, और विपक्षी पार्षदों ने इस दौरान कई बार महापौर चुनाव की मांग उठाई। पिछली बैठक में भी महापौर की देरी से उपस्थिति के कारण सदन में हंगामा हुआ था। पार्षदों ने दिल्ली में प्रदूषण और महापौर चुनाव में देरी जैसे मुद्दों को लेकर नारेबाजी की थी, जिससे कार्यवाही बाधित हो गई थी।
महापौर शैली ओबेरॉय ने बैठक के दौरान विपक्षी सदस्यों को आश्वासन दिया था कि अगली बैठक में चुनाव होंगे। लेकिन हंगामा जारी रहने पर उन्होंने कुछ प्रस्तावों को पारित करते हुए सदन को स्थगित कर दिया था।
तीसरे कार्यकाल के लिए आरक्षित सीट और चुनाव में देरी
दिल्ली में महापौर पद का चुनाव इस बार दलित उम्मीदवार के लिए आरक्षित है, जो इस साल का तीसरा कार्यकाल है। यह चुनाव लंबे समय से लंबित है, और इसके कारण कई बार निगम में हंगामे की स्थिति उत्पन्न हुई। महापौर चुनाव को लेकर सभी की नजरें इस बार भी लगी हुई हैं, क्योंकि कई राजनीतिक दल अपने उम्मीदवारों को लेकर तैयार हैं।
लंबे समय से टलते चुनाव और राजनीतिक बाधाएं
दिल्ली नगर निगम के महापौर पद का चुनाव 2024 में कई बार टल चुका है। इससे पहले के चुनाव प्रयासों के दौरान भी कई बार हंगामे और विवादों के कारण चुनाव सफल नहीं हो सका। इस बार महापौर चुनाव का आयोजन विशेष सुरक्षा और इंतजाम के साथ किया जाएगा ताकि पिछले हंगामों से सबक लेते हुए चुनाव शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हो सके।
क्या कहता है यह चुनाव दिल्ली के राजनीतिक परिदृश्य के लिए?
दिल्ली महापौर का चुनाव एक महत्वपूर्ण राजनीतिक घटना मानी जा रही है, क्योंकि इससे न केवल दिल्ली नगर निगम का नेतृत्व तय होगा, बल्कि शहर की प्राथमिक समस्याओं जैसे प्रदूषण, बुनियादी ढांचे और अन्य नागरिक मुद्दों के समाधान में भी इसकी भूमिका अहम होगी।
14 नवंबर को होने वाले इस चुनाव से दिल्ली के राजनीतिक माहौल में भी बदलाव की उम्मीद की जा रही है, क्योंकि इस बार निगम में सत्ताधारी दल और विपक्ष के बीच काफी कड़ी टक्कर देखने को मिल रही है।