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GST Council Meeting:पुरानी गाड़ियों के GST मामले पर फैला कंफ्यूजन, वित्त मंत्रालय ने जारी किया FAQ

GST Council Meeting: GST Council की बैठक में कई बड़े फैसले लिए गए थे. इसके बाद सोशल मीडिया पर लोगों ने खूब हंगामा मचाया. सरकार ने कहा कि पुरानी गाड़ियों के GST

GST Council Meeting: हाल ही में हुई GST Council की बैठक में कई अहम निर्णय लिए गए, जिनके बाद सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रियाएं देखने को मिलीं। विपक्ष ने भी इस मुद्दे पर सरकार को घेरने का प्रयास किया। बैठक में सबसे बड़ा फैसला पुरानी गाड़ियों पर 18% GST लगाने को लेकर था। हालांकि, इसके बाद सरकार ने अपनी स्थिति स्पष्ट करते हुए जनता के कंफ्यूजन को दूर करने के लिए FAQ भी जारी किया है।

क्या कार खरीदना हुआ महंगा?

अगर आप Registered Vendors से पुरानी कार खरीदते हैं, तो यह पहले की तुलना में महंगा हो सकता है। इसके पीछे कारण है कि GST Council ने पुरानी छोटी कारों (1200 सीसी क्षमता और चार मीटर से कम लंबाई) और पुरानी इलेक्ट्रिक कारों पर GST को 12% से बढ़ाकर 18% कर दिया है। हालांकि, व्यक्तिगत स्तर पर किसी दोस्त या रिश्तेदार से कार खरीदने या बेचने पर कोई GST नहीं लगेगा।

GST केवल Registered Vendors के मार्जिन पर ही लागू होगा, न कि वाहन की कुल कीमत पर। उदाहरण के लिए, अगर कोई कंपनी 5 लाख रुपये की कार को बेचते समय 50,000 रुपये का मार्जिन रखती है, तो GST केवल उस 50,000 रुपये पर लगेगा, न कि पूरी कीमत पर।

पीनल चार्ज पर राहत

GST Council ने समय पर मासिक किस्त या बकाया भुगतान न कर पाने की स्थिति में लगने वाले पीनल चार्ज पर GST को हटा दिया है। इससे आम ग्राहकों को राहत मिलने की उम्मीद है।

दोहरे टैक्स की व्यवस्था नहीं

सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि किसी एक राशि पर दो बार टैक्स नहीं लगाया जाएगा। उदाहरण के तौर पर, अगर एक पुरानी कार पर पहले ही 12% GST चुकाया जा चुका है, तो खरीद-बिक्री के दौरान बनने वाले मार्जिन पर ही GST लागू होगा।

आम लोगों के लिए क्या बदलेगा?

  1. Registered Vendors से पुरानी कार खरीदना महंगा हो सकता है क्योंकि मार्जिन पर 18% GST लगेगा।
  2. व्यक्तिगत लेन-देन पर GST का कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।
  3. पीनल चार्ज पर GST हटने से ईएमआई देरी पर राहत मिलेगी।

निष्कर्ष

GST Council के फैसले को लेकर सोशल मीडिया और राजनीतिक गलियारों में हलचल मची हुई है, लेकिन सरकार ने स्पष्ट किया है कि यह निर्णय केवल Registered Vendors के मार्जिन पर लागू होगा। इससे छोटे व्यापारियों और व्यक्तिगत खरीदारों को कोई अतिरिक्त बोझ नहीं उठाना पड़ेगा।

वित्त मंत्रालय के अनुसार, यह कदम टैक्स की प्रक्रिया को सरल बनाने और कर चोरी रोकने के लिए उठाया गया है।

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