Arvind Kejriwal News: दिल्ली विधानसभा चुनावों की सुगबुगाहट के साथ ही राजनीतिक दलों के बीच बयानबाजी तेज हो गई है। आम आदमी पार्टी (आप), भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस, सभी अपनी-अपनी रणनीतियों के साथ चुनावी समर में उतरने को तैयार हैं। इस बीच, कांग्रेस ने आप और उसके प्रमुख अरविंद केजरीवाल पर तीखा हमला बोला है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अजय माकन ने अरविंद केजरीवाल को "राष्ट्रविरोधी" करार देते हुए दिल्ली की दुर्दशा के लिए उन्हें जिम्मेदार ठहराया है।
अजय माकन का तीखा हमला
अजय माकन ने बुधवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में आम आदमी पार्टी के खिलाफ श्वेत पत्र जारी करते हुए कहा कि दिल्ली की वर्तमान स्थिति का एक बड़ा कारण कांग्रेस का 10 साल पहले आप की पहली सरकार को समर्थन देना था। उन्होंने स्वीकार किया कि यह कांग्रेस की गलती थी और इसे सुधारना बेहद जरूरी है।
माकन ने अरविंद केजरीवाल की चुनावी घोषणाओं पर भी सवाल उठाए। उन्होंने केजरीवाल को "फर्जीवाल" कहते हुए दावा किया कि उनकी सभी घोषणाएं "फर्जीवाड़ा" हैं। उन्होंने कहा, "केजरीवाल ने पंजाब में क्या किया है? वहां तो कोई उपराज्यपाल भी नहीं है। केजरीवाल सिर्फ बड़े-बड़े वादे करके जनता को गुमराह कर रहे हैं।"
केजरीवाल पर राष्ट्रविरोधी होने का आरोप
अजय माकन ने अरविंद केजरीवाल को "एंटी नेशनल" यानी राष्ट्रविरोधी करार दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि केजरीवाल का समर्थन भाजपा की नीतियों के साथ है, जिसमें नागरिकता संशोधन कानून (सीएए), समान नागरिक संहिता (यूसीसी), और अनुच्छेद 370 जैसे मुद्दे शामिल हैं। माकन ने कहा, "केजरीवाल की कोई विचारधारा नहीं है। उनकी राजनीति केवल उनकी व्यक्तिगत महत्वाकांक्षाओं के इर्द-गिर्द घूमती है। ऐसे व्यक्ति पर भरोसा नहीं किया जा सकता।"
कांग्रेस-आप गठबंधन पर पुनर्विचार की मांग
अजय माकन ने लोकसभा चुनाव 2024 में कांग्रेस और आप के गठबंधन को एक "भूल" बताया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को अब इस गलती को सुधारना चाहिए और आप से दूरी बनानी चाहिए। उन्होंने जोर दिया कि अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली पार्टी के साथ किसी भी प्रकार का सहयोग कांग्रेस के मूल सिद्धांतों के खिलाफ है।
राजनीतिक गलियारों में बढ़ता तनाव
दिल्ली विधानसभा चुनावों से पहले कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच बढ़ता तनाव स्पष्ट संकेत देता है कि यह चुनावी मुकाबला बेहद तीखा होगा। कांग्रेस जहां आप पर तीखे हमले कर रही है, वहीं आप भी कांग्रेस के आरोपों का जवाब देने की तैयारी में है।
चुनाव की तैयारियों में जुटे राजनीतिक दल
आप अपने 10 साल के कार्यकाल को आधार बनाकर दिल्ली की जनता के बीच जाएगी, जबकि कांग्रेस और भाजपा उसके वादों और नीतियों पर सवाल उठाकर अपनी रणनीति बना रही हैं। भाजपा जहां राष्ट्रीय मुद्दों को लेकर चुनावी मैदान में उतरने की योजना बना रही है, वहीं कांग्रेस दिल्ली के स्थानीय मुद्दों को उठाने पर जोर दे रही है।
दिल्ली के मतदाताओं के लिए क्या अहम होगा?
दिल्ली के आगामी चुनाव न केवल राजनीतिक दलों के लिए बल्कि मतदाताओं के लिए भी महत्वपूर्ण हैं। जहां एक ओर राजनीतिक बयानबाजी तेज होती जा रही है, वहीं दिल्ली की जनता को यह तय करना होगा कि वह वादों और नीतियों के आधार पर किसे अपना नेतृत्व सौंपती है।
आने वाले दिनों में चुनावी माहौल और भी गर्म होने की संभावना है। कांग्रेस और आप के बीच सियासी खींचतान यह संकेत देती है कि यह चुनावी लड़ाई केवल विकास के मुद्दों तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि व्यक्तिगत आरोप-प्रत्यारोप भी इसका हिस्सा होंगे।