Jharkhand Elections 2024: झारखंड में विधानसभा चुनाव की प्रक्रिया 20 नवंबर को मतदान के साथ पूरी हो गई, और अब 23 नवंबर को परिणामों का इंतजार है। राजनीतिक दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप और दावों की बाढ़ है, जहां सभी अपनी जीत के प्रति आश्वस्त नजर आ रहे हैं।
भाजपा का दावा: इतिहास की सबसे मजबूत सरकार बनाएंगे
भाजपा के प्रवक्ता प्रतुल शाह देव ने आत्मविश्वास भरे लहजे में कहा कि पार्टी 50-55 सीटों का आंकड़ा पार करेगी। उन्होंने झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) की सरकार पर तीखे हमले करते हुए इसे भ्रष्टाचार और कुप्रबंधन का प्रतीक बताया। शाह देव ने कहा, "जनता जेएमएम सरकार से तंग आ चुकी है। मुख्यमंत्री पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे और उन्हें जेल जाना पड़ा। यह चुनाव जनता का स्पष्ट जनादेश भाजपा के पक्ष में लेकर आएगा।"
भाजपा नेता अमर कुमार बाउरी ने भी दावा किया कि झारखंड के लोग बदलाव के मूड में हैं और राज्य में एनडीए सरकार बनेगी। उन्होंने कहा कि पार्टी का नेतृत्व झारखंड को एक नई दिशा देगा और विकास के एजेंडे को आगे बढ़ाएगा।
जेएमएम ने किया पलटवार: नतीजे चौंकाने वाले होंगे
झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता चंपई सोरेन ने भाजपा के दावों को खारिज करते हुए कहा कि जनता मौजूदा सरकार से पूरी तरह निराश है। उन्होंने कहा, "हमने हर विधानसभा क्षेत्र में दौरा किया और महसूस किया कि बेरोजगारी, भ्रष्टाचार और असंतोष चरम पर हैं। जनता बदलाव के लिए तैयार है।"
जेएमएम नेता मनोज पांडे ने भी एग्जिट पोल को खारिज करते हुए कहा कि असली नतीजे उनके पक्ष में होंगे। उनका दावा है कि पार्टी 55 से अधिक सीटों पर जीत दर्ज करेगी।
महिलाओं और युवाओं का समर्थन: सीता सोरेन का बयान
जामताड़ा सीट से भाजपा उम्मीदवार सीता सोरेन ने राज्य की मौजूदा सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, "झारखंड की महिलाओं और युवाओं को बीते पांच सालों में धोखा दिया गया है। इस बार बदलाव सुनिश्चित है। रोटी, बेटी और माटी के लिए लोगों ने एक नई शुरुआत का फैसला किया है।"
एग्जिट पोल पर राय और राजनीतिक परिदृश्य
राजनीतिक दलों के एग्जिट पोल पर अलग-अलग रुख हैं। भाजपा जहां एग्जिट पोल से अलग मजबूत सरकार बनाने का दावा कर रही है, वहीं जेएमएम का कहना है कि नतीजे चौंकाने वाले होंगे।
चुनाव परिणाम के महत्व
23 नवंबर को मतगणना के बाद यह साफ हो जाएगा कि झारखंड में सत्ता किसके हाथ जाएगी। झारखंड का राजनीतिक भविष्य इस बात पर निर्भर करेगा कि जनता ने भ्रष्टाचार, बेरोजगारी और विकास के वादों के बीच किसे चुना है।
क्या बदलाव की लहर सत्ता बदलने में सफल होगी, या भाजपा अपने दावे के अनुसार ऐतिहासिक जीत दर्ज करेगी? इसका जवाब 23 नवंबर को मिलेगा।