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Pakistan Terrorist Attack:पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने वाहन पर बरसाईं गोलियां, 40 लोगों की मौत

Pakistan Terrorist Attack: उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान में आतंकियों ने यात्री वाहनों को निशाना बनाया है। इस आतंकी हमले में कम से कम 38 लोगों की मौत हो गई है और

Pakistan Terrorist Attack: पाकिस्तान के अशांत खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में गुरुवार को हुए एक आतंकी हमले में 40 लोगों की मौत हो गई, जबकि दर्जनों अन्य घायल हो गए। यह हमला डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर किया गया, जिसमें एक पुलिस अधिकारी, महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे। यह हमला उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के हाल के वर्षों में सबसे घातक घटनाओं में से एक है।

घटना का विवरण

मुख्य सचिव नदीम असलम चौधरी के अनुसार, घटना उस समय हुई जब दो काफिले यात्रियों को लेकर यात्रा कर रहे थे। एक काफिला पेशावर से पाराचिनार और दूसरा विपरीत दिशा में जा रहा था। तभी बंदूकधारियों ने अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी। मरने वालों में एक महिला और एक बच्चा भी शामिल हैं।

चौधरी ने इसे बड़ी त्रासदी बताते हुए कहा कि मृतकों की संख्या बढ़ने की संभावना है। फिलहाल किसी भी समूह ने हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है।

शिया-सुन्नी तनाव और भूमि विवाद

यह हमला ऐसे समय हुआ है जब अफगानिस्तान की सीमा से लगे कुर्रम कबायली इलाके में शिया और सुन्नी समुदायों के बीच तनाव पहले से ही चरम पर है। दशकों से चल रहे भूमि विवाद ने क्षेत्र में हिंसा को बढ़ावा दिया है।

विशेषज्ञों का मानना है कि आतंकवादी इन तनावों का फायदा उठाकर सामुदायिक हिंसा को भड़काने का प्रयास कर रहे हैं।

राष्ट्रपति जरदारी की प्रतिक्रिया

घटना की निंदा करते हुए पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने इसे कायरतापूर्ण और अमानवीय कृत्य करार दिया। उन्होंने मृतकों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि दोषियों को न्याय के कठघरे में लाया जाएगा। पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) ने भी इस हमले को मानवता के खिलाफ अपराध बताया।

अंतरराष्ट्रीय समुदाय की नजरें

पाकिस्तान के कबायली इलाकों में लगातार बढ़ती हिंसा अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए चिंता का विषय बन चुकी है। आतंकवाद और सांप्रदायिक तनाव से प्रभावित ये क्षेत्र सुरक्षा और स्थिरता के लिए खतरा बने हुए हैं।

सरकार के लिए चुनौती

इस हमले ने पाकिस्तान सरकार और सुरक्षा एजेंसियों के सामने गंभीर चुनौतियां खड़ी कर दी हैं। शिया समुदाय पर बढ़ते हमलों को रोकने और शांति स्थापित करने के लिए सरकार पर दबाव बढ़ता जा रहा है।

निष्कर्ष

खैबर पख्तूनख्वा में हुए इस हमले ने एक बार फिर पाकिस्तान में बढ़ते आतंकवाद और सांप्रदायिक तनाव की ओर ध्यान खींचा है। निर्दोष नागरिकों को निशाना बनाकर किए गए इस अमानवीय कृत्य की जितनी निंदा की जाए, वह कम है। इस घटना ने न केवल मानवता को झकझोर दिया है, बल्कि सरकार और अंतरराष्ट्रीय समुदाय को तत्काल समाधान खोजने की ओर प्रेरित किया है।

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