IND vs AUS: चौथे टेस्ट मैच से पहले टीम इंडिया मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड (MCG) पर जमकर प्रैक्टिस कर रही है। लेकिन अभ्यास के दौरान भारतीय टीम के साथ भेदभाव के आरोप ने एक बार फिर सुर्खियां बटोरी हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, टीम इंडिया को जो प्रैक्टिस पिचें दी गई हैं, वे व्हाइट बॉल क्रिकेट (बिग बैश लीग) के लिए तैयार की गई थीं। इन पिचों पर उछाल और गति का अभाव है, जिससे खिलाड़ी नाखुश हैं।
पिच से नाखुश भारतीय टीम
भारतीय खिलाड़ियों को अभ्यास के लिए चार पिचें दी गईं, लेकिन इनमें न तो तेज गति है और न ही उछाल। यह स्थिति ऑस्ट्रेलिया की तेज और उछालभरी पिचों से बिल्कुल अलग है, जिनके लिए मेलबर्न की पिचें जानी जाती हैं। खिलाड़ियों ने स्पष्ट रूप से असंतोष जताया है, क्योंकि यह पिचें बॉक्सिंग डे टेस्ट में इस्तेमाल होने वाली पिचों जैसी नहीं हैं।
ऑस्ट्रेलिया को मिली अलग सुविधा
रिपोर्ट्स के मुताबिक, टीम इंडिया के प्रैक्टिस एरिया के पास तेज और उछालभरी पिचें भी मौजूद थीं, लेकिन उनका इस्तेमाल भारतीय टीम के लिए नहीं किया गया। इन पिचों को ऑस्ट्रेलियाई टीम के अभ्यास के लिए तैयार किया गया है। कहा जा रहा है कि ऑस्ट्रेलिया इन्हीं पिचों पर अभ्यास करेगी, जो मेलबर्न टेस्ट की परिस्थितियों से मेल खाती हैं।
पिच क्यूरेटर की राय
MCG पिच के क्यूरेटर मैट पेज ने आगामी टेस्ट के लिए पिच की स्थिति पर रोशनी डाली। उन्होंने बताया कि पिच पर घास छोड़ी जाएगी ताकि गेंदबाजों को मदद मिल सके। उन्होंने कहा,
“हमने पिछले कुछ वर्षों में पिचों को अधिक रोमांचक बनाने के लिए बदलाव किए हैं। सात साल पहले पिचें काफी सपाट थीं, लेकिन अब हम 6 मिलीमीटर की घास छोड़ते हैं, जिससे नई गेंद से गेंदबाजों को मदद मिलती है। हालांकि, नई गेंद के सॉफ्ट होने के बाद बल्लेबाजी आसान हो जाती है। स्पिनर्स के लिए पिच से खास मदद की उम्मीद नहीं है।”
भेदभाव का आरोप: नई बहस का विषय
भारतीय टीम को प्रैक्टिस के लिए दी गई पिचों और ऑस्ट्रेलियाई टीम को उपलब्ध कराई गई पिचों के बीच यह अंतर एक बार फिर ऑस्ट्रेलिया के रवैये पर सवाल खड़े करता है। यह पहली बार नहीं है जब ऑस्ट्रेलिया में भारतीय टीम के साथ भेदभाव की बात उठी हो।
क्या इसका असर मैच पर पड़ेगा?
टीम इंडिया के लिए यह चुनौतीपूर्ण स्थिति हो सकती है। अभ्यास की परिस्थितियों का मेलबर्न टेस्ट के वास्तविक हालात से मेल न खाना, खिलाड़ियों की तैयारी पर असर डाल सकता है। दूसरी ओर, ऑस्ट्रेलियाई टीम को अनुकूल अभ्यास पिचें मिलने से उनका आत्मविश्वास और बेहतर हो सकता है।
निष्कर्ष
मेलबर्न टेस्ट के लिए टीम इंडिया के पास एक बार फिर से खुद को साबित करने का मौका होगा। हालांकि, प्रैक्टिस पिचों को लेकर भेदभाव के आरोप ने नई बहस छेड़ दी है। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या भारतीय टीम इन चुनौतियों से उबरकर मैदान पर शानदार प्रदर्शन कर पाती है।