Gautam Adani Net Worth: सोमवार को भारतीय शेयर बाजार की तेज गिरावट ने देश के सबसे अमीर उद्योगपतियों की संपत्ति पर भारी असर डाला। प्रमुख उद्योगपतियों, रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी और अडानी ग्रुप के प्रमुख गौतम अडानी की नेटवर्थ में इस गिरावट के चलते एक ही दिन में अरबों रुपये की कमी आई। भारतीय शेयर बाजार के बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) का सूचकांक सेंसेक्स 1.18 प्रतिशत यानी 941 अंक गिरकर 78,782 पर बंद हुआ, जबकि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का निफ्टी भी 1.27 प्रतिशत या 309 अंक गिरकर 23,995 पर बंद हुआ।
मुकेश अंबानी को 23,390 करोड़ रुपये का नुकसान
सोमवार की इस गिरावट के कारण मुकेश अंबानी की संपत्ति में 2.72 अरब डॉलर (लगभग 23,390 करोड़ रुपये) की गिरावट दर्ज की गई। इससे उनकी कुल संपत्ति घटकर 98.8 अरब डॉलर रह गई। ब्लूमबर्ग बिलियनेयर्स लिस्ट के अनुसार, अंबानी अब दुनिया के सबसे अमीर लोगों की सूची में 17वें स्थान पर खिसक गए हैं। हालांकि, इस गिरावट के बावजूद अंबानी की नेटवर्थ में इस वर्ष 2.42 अरब डॉलर का इजाफा हुआ है।
गौतम अडानी की संपत्ति में 17,332 करोड़ रुपये की कमी
मुकेश अंबानी के अलावा, गौतम अडानी की संपत्ति पर भी इस गिरावट का गहरा असर पड़ा। सोमवार को अडानी की नेटवर्थ में 2.06 अरब डॉलर (लगभग 17,332 करोड़ रुपये) की कमी आई, जिससे उनकी कुल संपत्ति 92.3 अरब डॉलर पर आ गई। इस नुकसान के कारण गौतम अडानी भी दुनिया के सबसे अमीर लोगों की सूची में एक स्थान खिसककर 18वें पायदान पर आ गए हैं। हालांकि, इस साल अडानी की संपत्ति में अब तक 8.05 अरब डॉलर का इजाफा हुआ है।
वैश्विक स्तर पर भी टॉप अमीरों की संपत्ति में गिरावट
केवल अडानी और अंबानी ही नहीं, बल्कि दुनिया के शीर्ष 5 अमीरों की संपत्ति भी सोमवार को बुरी तरह प्रभावित हुई। दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति एलन मस्क की संपत्ति में 4.39 अरब डॉलर की गिरावट आई, जबकि दूसरे स्थान पर काबिज जेफ बेजोस की संपत्ति में 1.94 अरब डॉलर का नुकसान हुआ। फेसबुक के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग की संपत्ति में 2.23 अरब डॉलर की कमी आई, वहीं ओरेकल के संस्थापक लैरी एलिसन की नेटवर्थ 538 मिलियन डॉलर घट गई। फ्रांस के उद्योगपति बर्नार्ड अरनॉल्ट, जो दुनिया के पांचवें सबसे अमीर व्यक्ति हैं, की संपत्ति में भी 353 मिलियन डॉलर की गिरावट देखी गई।
बाजार की गिरावट के प्रमुख कारण
भारतीय शेयर बाजार में इस गिरावट के प्रमुख कारणों में वैश्विक आर्थिक अस्थिरता, कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव, और वैश्विक आर्थिक मंदी की चिंताएं शामिल हैं। इसके अलावा, केंद्रीय बैंकों द्वारा ब्याज दरों में वृद्धि की संभावना ने भी बाजार को प्रभावित किया है। विदेशी निवेशकों की बिकवाली और वैश्विक बाजारों में नकारात्मक संकेतों का प्रभाव भी भारतीय शेयर बाजार पर दिखाई दिया।
भविष्य की संभावनाएं
भारतीय शेयर बाजार में जारी अस्थिरता और गिरावट से निवेशकों में चिंता है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि दीर्घकालिक निवेश के नजरिए से यह समय एक बेहतर अवसर भी साबित हो सकता है। वैश्विक और घरेलू चुनौतियों के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था में दीर्घकालिक संभावनाएं बनी हुई हैं।
अंबानी और अडानी जैसे शीर्ष उद्योगपतियों की संपत्ति में आई गिरावट एक दिन की अस्थिरता को दर्शाती है, लेकिन यह संभावना है कि बाजार में स्थिरता लौटने पर उनकी नेटवर्थ में फिर से सुधार देखने को मिलेगा।