+

Russia-Ukraine War:जेलेंस्की को मोदी पर भरोसा, 3 महीने में तीसरी बार की मुलाकात

Russia-Ukraine War: विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा कि पीएम मोदी के साथ राष्ट्रपति जेलेंस्की की बैठक के लिए यूक्रेनी पक्ष ने अनुरोध किया था. पिछले तीन महीनों

Russia-Ukraine War: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को न्यूयॉर्क में यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की के साथ द्विपक्षीय बैठक की। यह एक महीने में दोनों नेताओं की दूसरी बैठक थी। इससे पहले पीएम मोदी ने 23 अगस्त को यूक्रेन का दौरा किया था, जो किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली यूक्रेन यात्रा थी। इस यात्रा के दौरान, पीएम मोदी ने रूस-यूक्रेन संघर्ष में शांति लाने के लिए भारत की प्रतिबद्धता को दोहराया था।

शांति स्थापना के लिए भारत की भूमिका

बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने पुनः भारत की इस इच्छा को व्यक्त किया कि भारत रूस-यूक्रेन संघर्ष के समाधान के लिए हर संभव योगदान देने के लिए तैयार है। उन्होंने राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की के साथ बातचीत में यूक्रेन में शांति और स्थिरता बहाल करने के लिए भारत के समर्थन का आश्वासन दिया। पीएम मोदी ने ट्वीट कर बताया, "न्यूयॉर्क में यूक्रेनी राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की से मुलाकात की। द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के लिए हम यूक्रेन यात्रा के परिणामों को लागू करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।"

द्विपक्षीय वार्ता और भविष्य की रणनीति

विदेश सचिव विक्रम मिस्री के अनुसार, यूक्रेन की ओर से प्रधानमंत्री मोदी के साथ बैठक का अनुरोध किया गया था। बीते तीन महीनों में दोनों नेताओं की यह तीसरी मुलाकात थी। इस दौरान कई मुद्दों पर चर्चा हुई, हालांकि इस विशेष बैठक में रूसी तेल पर कोई चर्चा नहीं की गई। बातचीत में पीएम मोदी ने ज़ेलेंस्की से कहा कि उन्होंने हमेशा शांति की राह पर चलने की बात की है, और इसे सतत विकास के लिए आवश्यक माना है।

अंतरराष्ट्रीय कानून और संयुक्त राष्ट्र चार्टर का समर्थन

बैठक के बाद जारी एक संयुक्त बयान में कहा गया कि भारत और यूक्रेन ने द्विपक्षीय संबंधों को रणनीतिक साझेदारी की ओर ले जाने के लिए प्रतिबद्धता जताई। दोनों नेताओं ने अंतरराष्ट्रीय कानून के सिद्धांतों को बनाए रखने, विशेष रूप से राज्यों की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता के सम्मान पर जोर दिया।

शांति वार्ता और कूटनीति का महत्व

यूक्रेन में शांति स्थापना के लिए कूटनीतिक प्रयासों पर जोर देते हुए, दोनों नेताओं ने बातचीत और कूटनीति के माध्यम से संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान पर ध्यान केंद्रित किया। इसके तहत भारत ने जून 2024 में स्विट्जरलैंड के बर्गनस्टॉक में आयोजित यूक्रेनी शांति शिखर सम्मेलन में भाग लिया था। यूक्रेनी पक्ष ने भारत की भागीदारी का स्वागत किया और अगले शांति शिखर सम्मेलन में उच्च स्तरीय भारतीय भागीदारी पर जोर दिया।

यूक्रेन संघर्ष पर वैश्विक चिंताएं

यूक्रेन संघर्ष पर वैश्विक स्तर पर भी चिंता व्यक्त की जा रही है। 21 सितंबर को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन द्वारा आयोजित एक बैठक के बाद, क्वाड नेताओं ने एक संयुक्त बयान जारी किया, जिसमें अंतरराष्ट्रीय कानून और संयुक्त राष्ट्र चार्टर के सिद्धांतों का समर्थन किया गया। इसमें यूक्रेन युद्ध के मानवीय और वैश्विक आर्थिक प्रभावों पर भी चिंता जताई गई। उन्होंने युद्ध के कारण विकासशील देशों पर पड़े खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा के नकारात्मक प्रभावों को भी रेखांकित किया।

परमाणु हथियारों के उपयोग पर चिंता

क्वाड नेताओं ने परमाणु हथियारों के उपयोग या उनकी धमकी को अस्वीकार्य बताया। इस दौरान पीएम मोदी ने अन्य क्वाड नेताओं के साथ वैश्विक स्थिरता और शांति के महत्व पर चर्चा की। पीएम मोदी तीन दिवसीय अमेरिकी दौरे पर थे, जहां उन्होंने राष्ट्रपति बाइडेन और अन्य प्रमुख नेताओं के साथ कई द्विपक्षीय बैठकों में हिस्सा लिया।

इस बैठक ने रूस-यूक्रेन युद्ध में भारत की कूटनीतिक भूमिका को और मजबूत किया है, और दोनों देशों के बीच संबंधों को और गहरा करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकती है।

facebook twitter