UP CM Yogi Adityanath:बांग्लादेश की घटना को योगी ने अयोध्या-संभल जैसा बताया,बाबर का भी जिक्र

01:41 PM Dec 05, 2024 | zoomnews.in

UP CM Yogi Adityanath: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार और संभल हिंसा के विषय पर एक कड़ा बयान दिया। उन्होंने 500 साल पहले बाबर द्वारा अयोध्या में की गई घटनाओं से इसकी तुलना करते हुए कहा कि तीनों घटनाओं का स्वभाव और "डीएनए" एक जैसा है।

अयोध्या कुंभ की घटना का जिक्र
सीएम योगी ने रामायण मेले के उद्घाटन समारोह में कहा, "याद कीजिए, 500 साल पहले बाबर के आदमी ने अयोध्या कुंभ में क्या किया था। आज वही बांग्लादेश और संभल में हो रहा है।" उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में हो रही घटनाएं संकेत देती हैं कि ऐसे ही तत्व भारत में भी सक्रिय हैं।

राम मंदिर और आस्था पर जोर
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 500 वर्षों के संघर्ष के बाद प्रभु श्री राम अयोध्या में अपने मंदिर में विराजमान हो गए हैं। यह आयोजन केवल अयोध्या तक सीमित नहीं है, बल्कि विश्व भर में इसका उत्सव मनाया जा रहा है। उन्होंने कहा, "दुनिया की हर समस्या का समाधान अयोध्या है। जब तक हमारी आस्था बनी रहेगी, तब तक भारत को कोई हानि नहीं पहुंचा सकता।"

उन्होंने कहा, "जो राम का नहीं, वह हमारे किसी काम का नहीं।" योगी आदित्यनाथ ने भारतीय संस्कृति में आस्था को भारत की स्थिरता और एकता का आधार बताया।

विपक्ष पर निशाना
योगी आदित्यनाथ ने समाजवादी पार्टी और विपक्ष पर तीखा हमला करते हुए कहा, "ये लोग लोहिया जी के नाम पर राजनीति करते हैं, लेकिन उनके आदर्शों का पालन नहीं करते।" उन्होंने डॉ. राम मनोहर लोहिया के विचारों को उद्धृत करते हुए कहा कि जब तक भारत की आस्था भगवान राम, कृष्ण और शिव में बनी रहेगी, तब तक भारत को कोई नुकसान नहीं पहुंचा सकता।

प्रेरणा के लिए श्री राम को आदर्श बताया
मुख्यमंत्री ने कहा, "हमने प्रभु श्री राम को अपना आदर्श माना है। यदि हम उनके उच्च आदर्शों से प्रेरणा ले सकें, तो हमारा जीवन सार्थक हो जाएगा।" उन्होंने समाज को प्रभु राम के आदर्शों पर चलने की प्रेरणा दी।

बयान के निहितार्थ
सीएम योगी का यह बयान धार्मिक और सांस्कृतिक आस्थाओं पर आधारित है, जिसमें बांग्लादेश में हिंदुओं की स्थिति और संभल हिंसा का संदर्भ शामिल है। यह बयान न केवल वर्तमान सामाजिक-राजनीतिक परिदृश्य को दर्शाता है, बल्कि अयोध्या संघर्ष और प्रभु राम मंदिर निर्माण के महत्व को भी रेखांकित करता है।

उनकी टिप्पणियां एक ओर आस्था और संस्कृति की रक्षा का संदेश देती हैं, वहीं दूसरी ओर राजनीतिक विरोधियों को कटघरे में खड़ा करती हैं। इसे आगामी राजनीतिक चर्चाओं में एक महत्वपूर्ण बयान के रूप में देखा जा सकता है।