Petrol-Diesel Price: लोकसभा चुनाव के नोटिफिकेशन कभी जारी हो सकते हैं. चुनाव आयोग से संकेत मिल चुका है. लेकिन आम लोगों को बीते दो साल साल से जिस खुशखबरी का इंतजार है. वो अभी तक नहीं आई है. जी हां वो खुशखबरी किसी और चीज की नहीं बल्कि पेट्रोल और डीजल के सस्ता होने की है. ऐसा लग रहा है आम लोगों का ये इंतजार और लंबा हो सकता है. जिस तरह से देश कं अंतरिम बजट को रखा गया और कोई लोकलुभावन बजट देने का प्रयास नहीं किया गया. जिस तरह से बीते पांच महीने से गैस सिलेंडर के दाम को फ्रीज रख छोड़ा गया है. सरकार और ऑयल मार्केटिंग कंपनियां इस बात को मान चुकी है कि जितनी कीमतें बीते दो साल से आम लोग पेट्रोल और डीजल पर दे रहे हैं. वो उसके आदि हो चुके हैं. ऐसे में यहां पेट्रोल और डीजल की कीमतों को सस्ता करने का कोई मतलब नहीं है.
बीते दो सालों से ऑयल मार्केटिंग कंपनियों ने पेट्रोल और डीजल के दाम को रख छोड़ा है. ये दाम उस दौर के हैं जब कच्चे तेल के दाम इंटरनेशनल मार्केट में 120 डॉलर प्रति बैरल पर थे. उस समय ओएमसी ने पेट्रोल और डीजल की कीमत में इजाफा किया था. अप्रैल 2022 के बाद से ओएमसी की ओर से कोई बदलाव नहीं हुआ. मई 2022 में सरकार ने अपनी ओर टैक्स जरूर कम किया और पेट्रोल और डीजल की कीमत सस्ता करने का प्रयास किया. लेकिन देश के कई शहरों में पेट्रोल के दाम 100 रुपए प्रति लीटर से ज्यादा है. अधिकतर शहरों में 90 रुपए प्रति लीटर अधिक है. बेहद कम या यूं कहें कि ना के बराबर ऐसे शहर होंगे, जहां पर पेट्रोल की कीमत 90 रुपए प्रति लीटर से कम दाम होंगे.
2022 से कितना सस्ता हुआ क्रूड?
जबकि इंटरनेशनल मार्केट में कच्चे तेल के दाम बीते डेढ़ साल से 75 से 85 डॉलर प्रति बैरल के बीच में ही है. कुछ समय के लिए दाम 90 डॉलर से ऊपर जरूर गए, लेकिन ये लेवल ज्यादा दिनों तक नहीं गया. आम लोग भूल चुके हैं कि आखिर बार कच्चे तेल के दाम 100 डॉलर प्रति बैरल पर कब गया था. वो भी ऐसे समय में जब यूक्रेन-रूस वॉर और मिडिल ईस्ट टेंशन अपने चरम पर है. साल 2022 के हाई से कच्चे तेल की कीमतें करीब 50 से 55 डॉलर प्रति बैरल तक नीचे आ चुकी है. जिसका फायदा ऑयल मार्केटिंग कंपनियों को भी हुआ है. मौजूदा वित्त वर्ष के 9 महीनों में ऑयल मार्केटिंग कंपनियों का मुनाफा 69 हजाार करोड़ रुपए से ज्यादा हो गया. उसके बाद भी कंपनियां अपने आपको नुकसान में बता रही है.
कंपनियों का दावा
कंपनियों का कहना है कि बीते कुछ समय से कच्चे तेल के दाम 80 डॉलर प्रति प्रति बैरल से ऊपर चले जानें की वजह से डीजल पर 3 रुपए प्रति लीटर का नुकसान हो रहा है. जबकि पेट्रोल पर मुनाफा कम हुआ है. जबकि जनवरी से पहले ऑयल कंपनियों को पेट्रोल पर 11 रुपए प्रति लीटर और डीजल पर 6 रुपए प्रति लीटर प्रॉफिट हो चुका है. कई मंचों पर पेट्रोलियम मिनिस्टर हरदीप सिंह पुरी भी इस बात को दोहरा चुके हैं कि मौजूदा समय ठीक नहीं है. कच्चे तेल के दाम काफी अस्थिर हैं. जिसकी वजह से पेट्रोल और डीजल की कीमतों का कम होना मुश्किल लग रहा है.
क्या है सच्चाई?
जबकि सच्चाई ये है कि खाड़ी देशों का कच्चा तेल यानी ब्रेंट क्रूड ऑयल के दाम आखिरी बार 90 डॉलर प्रतिद बैरल पर करीब 4 महीने पहले यानी 30 अक्टूबर को पहुंची थी. जबकि इस दौरान 1 जनवरी 2023 से अब तक सिर्फ चार ऐसे कारोबारी सत्र रहे हैं, जब कच्चे तेल की कीमत 95 डॉलर प्रति बैरल से ज्यादा रही है. 1 जनवरी से अब तक करीब 100 करोबारी दिन ऐसे हैं जब ब्रेंट क्रूड ऑयल के दाम 80 डॉलर प्रति बैरल से नीचे रहे हैं. इस दौरान कई ऐसे मौके भी आए जब कच्चे तेल की कीमत 75 डॉलर प्रति बैरल से भी रही. ऐसे में आप अंदाजा सकते हैं कि कारीब सवा साल से क्रूड ऑयल के दाम अपने हद में रहे हैं. अगर जून 2022 के बााद से कच्चे तेल की कीमतों को ऐलालाइस करें तो 90 डॉलर कम और 80 डॉलर से कम का के दिनों का आंकड़ा और भी बढ़ सकता है.
कितने होने चाहिए थे दाम?
ऐसे में अब सबसे बड़ा सवाल ये है कि आम लोगों को महंगे पेट्रोल और डीजल के दाम से राहत कब मिल पाएगी. कच्चे तेल के जानकार ने नाम ना प्रकाशित करने की शर्त पर बताया कि मौजूदा दौर में ऑयल मार्केटिंग कंपनियों और सरकार का जो रुख है, उससे नहीं लग रहा कि पेट्रोल और डीजल के दाम कम होने वाले हैं. चुनावी नोटिफिकेश जारी होने में ज्यादा वक्त नहीं बचा है. अगर पेट्रोल और डीजल सस्ता करना होता तो अब तक कर दिया गया होता. मौजूदा समय में ओएमसी जिस प्रॉफिट पर बैठा है और कच्चे तेज की जो कीमतें हैं, उस हिसाब से पेट्रोल के दाम में 15 रुपए प्रति लीटर और डीजल की कीमत 10 रुपए प्रति लीटर कम हो जानी चाहिए थी.
मौजूदा समय में कच्चे तेल की कीमत
मौजूदा समय में कच्चे तेल की कीमत 81 डॉलर प्रति बैरल के करीब है. आंकड़ों के अनुसार खाड़ी देशों का कच्चा तेल 81.62 डॉलर प्रति बैरल पर मौजूद हैं. शुक्रवार को दो फीसदी से ज्यादा की गिरावट के बाद मौजूदा साल में इसमें तेजी देखने को मिली है. वहीं दूसरी ओर अमेरिकी कच्चे तेल डब्ल्यूटीआई के दाम 76.49 डॉलर प्रति बैरल पर है. अमेरिकी तेल बीते कुछ समय से 75 डॉलर प्रति बैरल से ऊपर पर कारोबार कर रहा है. वैसे जानकारों का कहना है कि आने वाले दिनों में कच्चे तेल के दाम कम होने के आसार हैं. एक बार फिर से महंगाई में इजाफा देखने को मिल रहा है. दुनिया की सभी इकोनॉमी ने अपनी पॉलिसी को टाइट किया हुआ है. जिसकी वजह से डिमांड भी कम देखने को मिल रही है. दूसरी ओर नॉन ओपेक देशों का ऑयल प्रोडक्शन में इजाफा होने के आसार है. जिसकी वजह से कीमतों में गिरावट देखने को मिल सकती है.
कब से फ्रीज हैं पेट्रोल और डीजल की कीमत?
वहीं दूसरी ओर भारत में पेट्रोल और डीजल की कीमत में कोई बदलाव देखने को नहीं मिला है. देश के महानगरों में आखिरी बार पेट्रोल और डीजल की कीमत में 21 मई 2022 के दिन बदलाव देखने को मिला था. उस वक्त देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पेट्रोल और डीजल की कीमत में टैक्स को कम किया था. उसके बाद कुछ प्रदेशों ने वैट को कम या बढ़ाकर कीमतों को प्रभावित करने का प्रयास किया था. दिलचस्प बात ये है कि जब से देश में इंटरनेशनल मार्केट के हिसाब से पेट्रोल और डीजल की कीमत में रोज बदलाव होने की शुरुआत हुई है, तब से यह पहला मौका है जब पेट्रोलियम कंपनियों ने रिकॉर्ड टाइमलाइन के दौरान कोई बदलाव नहीं किया है.
देश के प्रमुख शहरों में पेट्रोल और डीजल की कीमत
- नई दिल्ली: पेट्रोल रेट: 96.72 रुपए प्रति लीटर, डीजल रेट: 89.62 रुपए प्रति लीटर
- कोलकाता: पेट्रोल रेट: 106.03 रुपए प्रति लीटर, डीजल रेट: 92.76 रुपए प्रति लीटर
- मुंबई: पेट्रोल रेट: 106.31 रुपए प्रति लीटर, डीजल रेट: 94.27 रुपए प्रति लीटर
- चेन्नई: पेट्रोल रेट: 102.63 रुपए प्रति लीटर, डीजल रेट: 94.24 रुपए प्रति लीटर
- बेंगलुरु: पेट्रोल रेट: 101.94 रुपए प्रति लीटर, डीजल रेट: 87.89 रुपए प्रति लीटर
- चंडीगढ़: पेट्रोल रेट: 96.20 रुपए प्रति लीटर, डीजल रेट: 84.26 रुपए प्रति लीटर
- गुरुग्राम: पेट्रोल रेट: 97.18 रुपए प्रति लीटर, डीजल रेट: 90.05 रुपए प्रति लीटर
- लखनऊ: पेट्रोल रेट: 96.57 रुपए प्रति लीटर, डीजल रेट: 89.76 रुपए प्रति लीटर
- नोएडा: पेट्रोल रेट: 96.79 रुपए प्रति लीटर, डीजल रेट: 89.96 रुपए प्रति लीटर